नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक ने महापंचायत की. इसमें भारी संख्या में किसानों के साथ महिलाएं भी शामिल हुईं. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती किसानों का यह अनिश्चितकालीन धरना लगातार जारी रहेगा.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक का पिछले 7 जून से लगातार अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन चल रहा है. किसानों का कहना है कि उनकी 11 सूत्रीय मांग है, जिनको प्राधिकरण ने पूरा नहीं किया. जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा उनका यह धरना लगातार जारी रहेगा. हालांकि, कई बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की गई, लेकिन सहमति ना बनने के चलते किसानों का धरना लगातार चल रहा है. उसी में आज किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापंचायत की.
1989 में जमीन का अधिग्रहण अब तक नहीं मिला मुआवजा:किसान डॉ फकीरचंद ने बताया कि वे ऐच्छर गांव के है. जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना हुई थी तो ग्रेटर नोएडा में 1989 में ऐच्छर गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. प्राधिकरण ने उस समय जो किसानों के लिए पॉलिसी बनाई गई थी उन लाभों से ग्रामीणों को वंचित रखा गया है. 34 साल बीत जाने के बाद भी आज तक ग्रामीणों को प्राधिकरण द्वारा कोई लाभ नहीं दिया गया है. इसके चलते ग्रामीण हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी केस जीत चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी प्राधिकरण किसानों को लाभ देने को तैयार नहीं है.
11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना: किसानों का कहना है कि जब तक किसानों को 10% आवासीय भूखंड और उस समय का बढ़ा मुआवजा प्राधिकरण नहीं देगा किसान अपनी मांगों पर अड़े करेंगे. अनिश्चितकालीन धरना भी लगातार जारी रहेगा. इन 11 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है. किसानों का कहना है कि किसानों के चार प्रतिशत भूखंड का निस्तारण किया जाए. वहीं, भूमिहीन किसानों को 60 मीटर के प्लाट दिए जाए.