रांची: झारखंड में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है. क्योंकि आदिवासियों की हितैषी होने का दावा करने के बावजूद भाजपा ने अपनी तीनों एसटी सीटें (खूंटी, दुमका और लोहरदगा) गंवा दी. यही नहीं झारखंड में भाजपा का 7 प्रतिशत वोट भी घट गया है. यह पार्टी के लिए एक बड़ा सेट बैक है. 2019 के चुनाव में 11 सीटें जीतने वाली भाजपा को 51.60 प्रतिशत वोट मिले थे. इसकी तुलना में 2024 में सिर्फ 44.60 प्रतिशत ही वोट मिले हैं. गठबंधन के लिहाज से देखें तो झारखंड में आजसू के 2.62 वोट प्रतिशत के साथ एनडीए को कुल 47.22 प्रतिशत वोट मिले.
इंडिया से ज्यादा रहा एनडीए का वोट प्रतिशत
खास बात है कि झारखंड में 7 प्रतिशत वोट गंवाने के बावजूद एनडीए का वोट प्रतिशत इंडिया गठबंधन से ज्यादा रहा है. 2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस को 19.19 प्रतिशत, झामुमो को 14.60 प्रतिशत, राजद को 2.77 प्रतिशत और भाकपा-माले को 2.41 प्रतिशत यानी कुल 38.97 प्रतिशत वोट मिले. इस लिहाज से एनडीए को इंडिया गठबंधन की तुलना में 8.25 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले.
2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में ओवरऑल 66.8 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. तब सबसे ज्यादा वोटिंग दुमका सीट के लिए 73.43 और राजमहल सीट के लिए 72.05 प्रतिशत मतदान हुआ था. सबसे कम वोटिंग धनबाद सीट के लिए 60.47 प्रतिशत हुई थी. जबकि 2024 में चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद 66.19 प्रतिशत ही मतदान हुआ. इस चुनाव में भी दुमका में सबसे ज्यादा 73.87 प्रतिशत वोटिंग हुई.
किन सीटों पर हुई सबसे ज्यादा अंतर से जीत
साल 2024 के चुनाव में कोडरमा सीट से भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी सबसे ज्यादा वोट के अंतर से जीतीं. उन्होंने 3,77,014 वोट के अंतर से इंडिया गठबंधन के भाकपा माले प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह को हराया. इस मामले में दूसरे नंबर पर धनबाद से भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो रहे. पार्टी ने सीटिंग सांसद पीएन सिंह का टिकट काटकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को मैदान में उतारा था. लेकिन वे पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह को 3,51,583 वोट से हराया. तीसरी बड़ी जीत पलामू सीट पर दिखी. यहां भाजपा के वीडी राम ने राजद के ममता भुइयां को 2,88,807 वोट से हराया. उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई.
किन सीटों पर हुई सबसे कम अंतर से जीत