लखनऊ : एमएलसी चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ अपने बेटे को चुनाव लड़ाने के आरोप में बीजेपी से निकाले गए एमएलसी यशवंत सिंह को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया है. पार्टी की ओर से जारी पत्र यशवंत सिंह ने मीडिया को दिया है.
वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद भाजपा का पूरा फोकस विधान परिषद चुनावों पर था. यूपी विधान परिषद की 36 सीटों के लिए मतदान होना था. हालांकि इसमें से भाजपा ने 9 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी और बाकी 27 सीटों के लिए उसने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी. इस दौरान पार्टी को आजमगढ़-मऊ सीट पर अपने ही एमएलसी के कारण चुनौती का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से भाजपा ने एमएलसी यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
बता दें कि यूपी विधान परिषद चुनाव में आजमगढ़-मऊ सीट से भाजपा ने अपने पूर्व विधायक अरुणकांत यादव को मैदान में उतारा था. पार्टी से एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह भी बागी होकर मैदान में कूद गए थे. इसके बाद भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर यशवंत सिंह के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई थी. अरुणकांत यादव सपा विधायक और बाहुबली रमाकांत यादव के बेटे हैं. घोसी क्षेत्र में जसवंत सिंह ने पूर्व में प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. उनकी इस कोशिश के बाद भाजपा ने क्षत्रियों के विरोध को समाप्त करने के लिए जसवंत सिंह को अपनी टीम में वापस लेने का फैसला कर लिया है. माना जा रहा है कि उनकी वापसी से बीजेपी को घोसी क्षेत्र में अरुण राजभर को जिताने में मदद मिलेगी.
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