हिसार: सफीदों विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामकुमार गौतम ने शनिवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की तारीफ की. नारनौंद दादा देवराज धर्मशाला में रामकुमार गौतम का अपने पैतृक गांव में पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर रामकुमार गौतम ने कहा कि आज ग्राम वासियों ने उन्हें जो सम्मान दिया गया है. उसका मैं ऋणी रहूंगा.
मंत्री पद नहीं मिलने पर छलका रामकुमार गौतम का दर्द: मंत्री पद नहीं मिलने पर टीस जाहिर करते हुए रामकुमार गौतम ने कहा कि मेरी किस्मत में शायद मंत्री की कुर्सी नहीं है. अगर मुझे बड़ी कुर्सी मिलती, तो मैं नारनौंद हलके का कर्ज उतार सकता था, लेकिन मुझे तो छोटी कुर्सी भी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि जो भगवान की मर्जी है. वही होता है और मेरी किस्मत में शायद मंत्री की कुर्सी नहीं है.
'बीजेपी को जितवाने में मेरी अहम भूमिका': हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कोई भी नहीं कह रहा था कि बीजेपी सत्ता में आएगी. सारे सट्टेबाज बीजेपी को 24 और 25 सीटें दे रहे थे, लेकिन मैंने अकेले ने डंके की चोट पर कहा था जींद में 50 सीट आएंगे बीजेपी और नायब सैनी मुख्यमंत्री बनेंगे. मैंने ये भी कहा कि तीन तारीख तक बीजेपी की खतरनाक आंधी चलेगी. ऐसी की रेस में कांग्रेस दिखेगी भी नहीं. ये मैं ही कहता था और कोई नहीं.
भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ नरम पड़े तेवर: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर रामकुमार गौतम ने कहा "भूपेंद्र हुड्डा से मैं घृणा नहीं करता. भूपेंद्र हुड्डा अच्छा इंसान है. इस बात पर कोई बुरा मानों 20 बार. उसे गलत नहीं मानता मैं, लेकिन अगर मैं उसके खिलाफ नहीं बोलता, तो बीजेपी की सरकार नहीं बनती. मैंने दो जमा दो का पहाड़ा पढ़ा और भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ वो-वो बातें कही जो नहीं कहनी चाहिए थी."
उन्होंने कहा कि "भूपेंद्र हुड्डा को बुरा भी लगा होगा और सोच रहे होंगे कि मैंने राम कुमार गौतम का क्या बिगाड़ा है. अगर मैं ये ना बताऊं कि बीजेपी को सत्ता में लाओगे तो ये फायदा और कांग्रेस को सत्ता में लाओगे तो ये नुकसान. मैं इस लेवल तक चला गया कि ये मुझे शोभा भी नहीं देता था. अगर मैं उस लेवल तक नहीं जाता तो बीजेपी सरकार नहीं बना पाती. ये मेरा जो दो जमा दो का खेल था. मानो या ना मानों यहीं सबको पढ़ाया है मैंने. मैं भूपेंद्र हुड्डा से नफरत नहीं करता हूं. फिर भी उनके खिलाफ गलत बोला."