नई दिल्ली: DTC बसों में 10 हजार मार्शलों की नौकरी बहाल करने की करने की मांग को लेकर आज बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री आतिशी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बारे में मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही जानकारी साझा की थी कि बीजेपी के विधायक इस मुद्दे पर मिलना चाहते हैं. उन्होंने X पर लिखा था कि नेता प्रतिपक्ष की मांग पर एक बार में ही मिलने का समय दे दिया.
मुलाकात में क्या हुआ?
हालांकि इस मुलाकात में सीएम आतिशी और बीजेपी विधायकों के बीच कोई बात नहीं बन पाई. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी विधायकों के सामने प्रस्ताव रखा कि सभी लोग मिलकर अभी उपराज्यपाल के पास मिलने चलते हैं. क्योंकि बस मार्शल्स चाहते हैं कि अभी सब उपराज्यपाल के पास मिलने चलें लेकिन बीजेपी विधायकों ने उपराज्यपाल निवास पर जाने से मना कर दिया. दिल्ली सरकार ने मार्शल्स की नियुक्ति को लेकर कैबिनेट नोट नोट तैयार किया. इसमें मार्शल्स को तुरंत बहाल करने की मांग की. अब इसे उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा.
सीएम आतिशी-बीजेपी विधायकों में हुई मुलाकात (SOURCE: ETV BHARAT) शनिवार सुबह नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता निर्धारित समय पर दिल्ली सचिवालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि आज हम बस मार्शलों की बहाली और उनकी नौकरी पक्की करने के लिये मुख्यमंत्री आतिशी से मिलने के लिए दिल्ली सचिवालय पहुंचे हैं. हमने मुख्यमंत्री से मिलना तय किया था. इसलिये हम मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे. बाकी मंत्रियों या आम आदमी पार्टी के विधायकों से मिलने नहीं आये हैं. यदि इन सब के साथ बात करनी है तो दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाओ जहां पर खुल कर चर्चा होगी.
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने लगाया आरोप
विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी’ सरकार पर आरोप लगाया है कि वह डीटीसी के 10 हजार मार्शलों की नौकरी बहाल करने की नौटंकी कर रही है और इन युवाओं के अरमानों को कुचल कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा है कि दस हजार मार्शलों को नौकरी पर बहाल करने के लिए जो भी जरूरी है वह किया जाए, बीजेपी विधायक दल अपना पूरा सहयोग देने को तैयार है.
बीजेपी विधायकों ने कैबिनेट मीटिंग बुलाने की रखी मांग
26 सितंबर को भाजपा विधायक दल की ओर से विधानसभा में इन 10 हजार बस मार्शलों की नौकरी को बहाल करने और उन्हें नियमित करने के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद इसे सदन में पारित कर दिया गया था. अब नियमानुसार इस प्रस्ताव को कैबिनेट से अप्रूव करवाने के लिए एक कैबिनेट नोट बनाया जाना था और कैबिनेट की बैठक बुलाकर उस पर कैबिनेट की मंजूरी ली जानी थी और उसके बाद अंत में इसे उपराज्यपाल की स्वीकृति के लिए एलजी ऑफिस भेजा जाना था, लेकिन सरकार की तरफ से ऐसा कुछ नहीं किया गया. बीजेपी विधायकों ने मांग की है कि इस मसले पर सरकार गंभीर है तो तुरंत कैबिनेट की बैठक बुलाई जाए.
सरकार मार्शलों को नहीं देना चाहती नौकरी-विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, क्योंकि यह इन मार्शलों को नौकरी पर रखना ही नहीं चाहती. उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्टूबर 2023 के नोट पर ही इन्हें बर्खास्त किया गया था. इसीलिए इन्होंने इन सबसे बचने के लिए कैबिनेट नोट और मीटिंग जैसी औपचारिकता पूरी न करने का फैसला लिया. गेस्ट टीचर्स, कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज, डाक्टर्स, शिक्षक, वॉलन्टियर्स, बस मार्शल्स, सबके साथ धोखा करना इनकी फितरत बन चुका है. पहले ये अस्थाई भर्तियां करके वाही-वाही लूटते हैं और फिर 6-7 महीने तक उन्हें सैलरी ना देकर उनका शोषण करते हैं और फिर रातों-रात उन्हें बर्खास्त करने का तुगलकी फरमान जारी कर देते हैं.
बता दें बीते दिनों बस मार्शल के मुद्दे पर 3 अक्बूर को LG आवास के बाहर AAP नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया था. जिसमें कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत के साथ-साथ AAP के विधायक भी शामिल हुए. इस दौरान पुलिस ने भारद्वाज और अन्य AAP नेताओं के साथ कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी.
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