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मुख्यमंत्री की बात नहीं माने बीजेपी विधायक, रातभर सदन के अंदर आंदोलन जारी रखने का लिया निर्णय - BJP decided to continue agitation

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 31, 2024, 8:41 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 8:52 PM IST

Monsoon Session. मुख्यमंत्री से विभिन्न मुद्दों पर जवाब की मांग कर रहे भाजपा विधायक सदन के अंदर बैठे हुए हैं. मार्शल द्वारा बाहर जाने के लिए कहने के बावजूद वह बाहर नहीं गए. नाराज विधायक बीच-बीच में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे.

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हेमंत सोरेन की तस्वीर (ETV BHARAT)

रांची: झारखंड विधानसभा में आज अजीबोगरीब स्थिति देखी गई. बुधवार को हंगामे के बीच जैसे ही स्पीकर ने 1 अगस्त 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की वैसे ही सारे विपक्षी दल के विधायकों ने धरना की घोषणा कर दी. विरोध कर रहे विधायकों की मांग थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछली विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों पर सदन में जवाब दे.

मंत्री और बीजेपी सचेतक का बयान (ETV BHARAT)

उन्हें मार्शल के द्वारा बाहर जाने के लिए भी कहा गया लेकिन वो अपनी बात पर अड़े हुए हैं और धरने को जारी रखा है. जब सदन की बिजली और एसी बंद करवा दी गई तो धरने पर बैठे बीजेपी और अन्य विपक्षी दल के नेताओं ने मोबाइल के टॉर्च की रोशनी जलाकर अपने प्रदर्शन को जारी रखा. विधायकों के अनुसार उनका ये प्रदर्शन तब तक जारी रहेगी जब तक मुख्यमंत्री सदन के भीतर जवाब देने को घोषणा नहीं कर देते. अपने धरने के दौरान नाराज विधायक बीच-बीच में सरकार के विरोध में नारे भी लगाते नजर आए.

मुख्यमंत्री ने नाराज बीजेपी विधायक को मनाने की कोशिश की

वरिष्ठ नेता और झारखंड में बीजेपी के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बयान जारी कर आरोप लगाया है कि विपक्षी दलों के विधायकों को बंधक बना लिया गया है. सदन के भीतर की बिजली और एसी भी बंद करवा दी गई है. उन्होने आरोप लगाया की विधायकों को पानी तक नहीं दी जा रही है और बाथरूम भी नहीं जाने दिया जा रहा है. हालांकि सूत्रों ने विधायकों के पानी पीने और बाथरूम जाने की रोक वाली बात को गलत बताया.

जब सदन के अंदर काफी देर तक बीजेपी के विधायक अंधेरे में बैठे रहे तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनसे मिलने पहुंचे और उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की लेकिन बीजेपी के विधायक अपनी मांगों पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि गुरुवार को मुख्यमंत्री के जवाब देने बाद ही वो अपने आंदोलन को खत्म करेंगे.

मुख्यमंत्री ने विधायकों को कहा कि स्पीकर के निर्णय के अनुरूप सदन की कार्यवाही संचालित होगी, इस पर भाजपा विधायक मानने को तैयार नहीं हुए. देर शाम तक यह सिलसिला जारी रहा और विधानसभा से सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो रवाना हुए उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा से निकल गए.

बिरंची नारायण ने सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया

इधर, सरकार के विरोध में सदन में बैठे बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण बाहर निकलकर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए सरकार पर हठधर्मिता अपनाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आए जरूर मगर उन्होंने सकारात्मक बातचीत नहीं की जिस वजह से हम सभी विधायक रात भर सदन के अंदर अंधेरे में बैठकर गुजारेंगे.

सीएम के बात को भी नहीं दी तरजीह- सत्ता पक्ष

सत्ता पक्ष ने भाजपा विधायकों द्वारा राजनीति के तहत इस तरह के कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की बातों को भी इन लोगों ने नजरअंदाज किया है. मंत्री दीपिका सिंह पांडे ने बीजेपी विधायकों पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस तरह से सदन के अंदर इन विधायकों के द्वारा आचरण किया जा रहा है वह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है मुख्यमंत्री ने स्वयं जाकर भाजपा विधायकों से बातचीत की , मगर वह मानने को तैयार नहीं हुए. बहरहाल झारखंड विधानसभा के इतिहास में ये पहली घटना मानी जा रही है जिसमें नाराज विधायक सरकार पर दबाव बनाने के लिए सदन स्थगित होने के बाद भी इस तरह से आंदोलन करते नजर आए.

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Last Updated : Jul 31, 2024, 8:52 PM IST

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