लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए सत्ताधारी दल बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और दोनों ही दल सभी 10 की 10 सीटें जीतने का दावा भी कर रहे हैं. हालांकी भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा 7 सीट जीतने पर पूरा फोकस कर रही है. अभी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर 5 सीट हैं. अब भाजपा 7 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए अपनी पुख्ता रणनीति बना रही है. साथ ही सरकार और संगठन के बीज बेहतर समन्वय बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी की जा रही है.
बीजेपी की ओर से जिन सात सीटों को जीतने का मुख्य रूप से लक्ष्य रखा है, उनमें गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर और पिछली बार निषाद पार्टी के खाते में गई मिर्जापुर की मझवा सीट, राष्ट्रीय लोकदल की मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट तो शामिल ही है. इसके अलावा अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट भी जीतने को लेकर भाजपा प्लानिंग कर रही है.
भाजपा सात सीटों पर ज्यादा फोकस इसलिए कर रही है की, जाति समीकरण और अन्य मुद्दों को देखते हुए यहां पर पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद है. अभी उसके पास गठबंधन को मिलाकर 5 सीट हैं. दो और सीट जीतने का टारगेट है. हालांकि लोकसभा चुनाव में अयोध्या और अंबेडकर नगर सीट बीजेपी हार चुकी है. ऐसे में इन दोनों सीटों पर जीत को लेकर भी भले भाजपा भले आश्वस्त हो लेकिन लड़ाई दिलचस्प होने जा रही है.
बीजेपी की चुनावी तैयारियों की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि, खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ दोनों डिप्टी सीएम को दो-दो सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अयोध्या और कन्नौज में जिस तरह से रेप की घटनाएं हुई और इन घटनाओं पर योगी सरकार ने जिस तरह से प्रभावी कार्रवाई की. इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है. इन दोनों मामलों में समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं के नाम जिस तरह से सामने आए. ऐसे में समाजवादी पार्टी इन दोनों मामलों में बैकफुट पर नजर आई.