लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ पुलिस और प्रशासन के टकराव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब सीधे कमान अपने हाथ में ले चुके हैं. ऐसे मामलों को वे खुद संभालेंगे. हनुमानगढ़ी के महंत और बीजेपी के प्रबल समर्थक राजू दास और भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के मामले में सीएम योगी खुद ही दोनों से बात की है. दोनों का पुलिस प्रशासन से टकराव हुआ था. ऐसे में अफसरों के लिए यह सीधा संदेश है कि भाजपा नेताओं के साथ अभद्र व्यवहार पर मुख्यमंत्री अब बहुत संजीदा हो चुके हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद लगातार यह सवाल उठाया जाता रहा है कि उत्तर प्रदेश में नेताओं और कार्यकर्ताओं की बात अधिकारियों ने नहीं सुनी. अधिकारियों ने नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमकर उत्पीड़न किया था. जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव के दौरान एकजुट नहीं हुए.
परिणाम यह हुआ कि कई सीट पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पर भारी पड़ी और बीजेपी को 2019 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में करीब आधी सीटें प्राप्त हुईं. चुनाव के बाद भाजपा की जो समीक्षा चल रही है, उसमें यह प्रमुख बिंदु सामने आया है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. नतीजा यह हुआ है कि अब मुख्यमंत्री अधिक लोगों से मुलाकात कर रहे हैं.
अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के प्रबल समर्थक हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास का जब जिलाधिकारी से विवाद हुआ तो इस प्रकरण के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजू दास से मुलाकात की. इसके बाद यह प्रकरण शांत हो गया.