गिरिडीहः जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे आरोप और प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. अब प्रत्याशियों की हरेक गतिविधि पर दूसरे दल की पैनी नजर है. हल्की-सी चूक पर शिकायत हो रही है. इस बार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कोडरमा लोकसभा सीट के प्रत्याशी विनोद सिंह समेत पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के खिलाफ अलग-अलग शिकायत की गई है. शिकायत आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर की गई है. उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को दोनों पत्र दिया गया है.
सरहुल में राजनीतिक भाषण देने का आरोप
पहली शिकायत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बाबूलाल मरांडी के भाई नुनुलाल मरांडी (भाजपा प्रदेश कार्यकारी सदस्य) ने की है. शिकायत में नुनुलाल का आरोप है कि 11 अप्रैल को तिसरी गांधी मैदान में सरहुल पर्व के मौके पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यहां कोडरमा से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विनोद सिंह, माले के पूर्व विधायक राज कुमार यादव के अलावा अरविंद मुर्मू (पिता लालो मुर्मू), चंद्र किशोर हांसदा, गंगा राम टूडू अपने कुछ लोगों के साथ पहुंचे और धार्मिक कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण देना आरंभ किया.
धार्मिक कार्यक्रम में उनके इस भाषण को भाजपा प्रदेश कार्यकारी सदस्य नुनुलाल मरांडी ने यह सीधे तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है. यह कार्यक्रम आदिवासी समाज के विशुद्ध रूप से धार्मिक एवं सामाजिक था, जिसमें इनलोग आदिवासी समाज को बरगलाने एवं दिगभ्रमित करने का कार्य किया है. इसको लेकर नुनुलाल मरांडी ने कार्रवाई की मांग रखी है.
कल्पना, सरफराज के साथ सुदिव्य पर भी आरोप
दूसरी शिकायत भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा में बेंगाबाद मंडल अध्यक्ष परमेश्वर मरांडी द्वारा की गई है. इनका आरोप है कि गांडेय विधानसभा में उपचुनाव होना है. इसके बावजूद इंडिया गठबंधन के लोग लगातार आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं. 15 अप्रैल को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा के खंभारडीह में राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह, जिला सचिव महालाल सोरेन के अलावा हीरालाल मुर्मू, नुनुराम किस्कू समेत दर्जनाधिक नेता एवं स्वास्थ्यकर्मी रमेश मुर्मू तथा पारा शिक्षक सुरेश सोरेन वहां आये.
इसके बाद इलाके के मांझी हड़ाम, परानिक, जोग मांझी, नायकी बाबा, गोडेत, प्रगनेत जैसे लोगों को सरकारी व्यवस्था का दुरूपयोग करते हुए वहां बुलाया गया. परमेश्वर मरांडी ने कहा कि उपरोक्त सभी आदिवासी समाज के सम्मानित लोग हैं. सरकार के द्वारा उन्हें मानदेय मिलता है. मांझी हड़ाम, नायकी बाबा जैसे लोग संथाल समाज के अगुआ हैं. जिनके सहारे संथाल समाज की सामाजिक संरचना चलती है. ऐसे आदिवासी सामाजिक व्यवस्था के प्रमुख लोगों को बुलाकर मंच में सम्मानित करने के नाम पर उन्हें राजनीतिक प्रचार का हिस्सा बना दिया.