धमतरी : छत्तीसगढ़ में अगले कुछ माह बाद नगरीय निकाय चुनाव होने हैं. धमतरी नगर निगम में चुनाव से पहले ही कुर्सी को लेकर खींचतान देखने को मिल रही है. बीजेपी पार्षदों ने धमतरी नगर निगम में कांग्रेसी महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष में बैठे बीजेपी पार्षदों ने लाखों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इस मामले में दोनों पक्ष जांच करवाने की चुनौती दे रहे हैं.
कुर्सी खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप: धमतरी नगर निगम में ताजा बवाल कुर्सी को लेकर है. कुर्सी खरीदी के मामले में बीजेपी की ओर से दिखाए गए दस्तावेज के मुताबिक, 2022 से अब तक निगम ने बगीचों में लगने वाले कास्ट आयरन बेंच की तीन बार खरीदी की है. महापौर ने 3 बार की अनुशंसा से कुल 340 नग बेंच खरीदा, जिसमें कुल 57 लाख का भुगतान किया गया है. इस लिहाज से एक कुर्सी पौने की लागत 17 हजार रही.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर धमतरी महापौर का पलटवार (ETV Bharat)
कुर्सी खरीदी की जांच कराने की मांग : भाजपा का दावा है कि ये बेंच बाजार में 5 से 6 हजार रुपये के बीच मिल रहे हैं, लेकिन धमतरी नगर निगम ने इनके लिए 3 गुना ज्यादा दाम चुकाए हैं. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में नई कुर्सियों को कबाड़ के बीच खुले में छोड़ दिया गया है. अब भाजपा इस कुर्सी खरीदी मामले की जांच की बात कह रही है.
पिछले एक साल में महापौर के द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपये की गार्डन के लिए कास्ट आयरन बेंच खरीदी गई है. लगभग 57 लाख की 340 नग बेंच खरीदी गई है. एक कुर्सी की लागत करीब 17 हजार रुपये पड़ी है और मार्केट वैल्यू एक कुर्सी की 5700 रुपये है. 3 गुना दाम देकर कुर्सी खरादा गया है. इतना ही नहीं 340 नग कुर्सी अनुशंसा की गई थी और केवल 100 कुर्सी निगम को मिली है. मतलब 57000 रुपए की प्रति कुर्सी जनता को दी गई है, जो गुणवत्ताहीन है और कबाड़ में पड़ी है : विजय मोटवानी, भाजपा पार्षद
खरीदी महापौर नहीं, निगम प्रशासन करता है": पिछले निकाय चुनावों में धमतरी नगर निगम के पूरे इतिहास में पहली बार कांग्रेस सत्ता में आई. लेकिन मौजूदा कांग्रेसी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं. इन आरोपों पर जब हमने महापौर विजय देवांगन से सवाल किए तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, बल्कि आरोपों को राजनैतिक बताया है. महापौर ने भी कुर्सी खरीदी की जांच कराने की चुनौती दे दी है.
कोई भी खरीदी महापौर नहीं करता, निगम का प्रशासन करता है. महापौर सिर्फ अनुशंसा ही करता है : विजय देवांगन, महापौर, धमतरी नगर निगम
आरोपों का निकाय चुनाव में दिखेगा असर : धमतरी महापौर पर लगे आरोपों और बीजेपी पार्षदों के दावों की हकीकत तो जांच के बाद ही सामने आएगी. हालांकि, प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. कुछ हफ्तों में निकाय चुनावों की आचार संहिता लग सकती है. अगर फौरन इन आरोपों की जांच भी कराई जाए तो चुनाव से पहले जांच रिपोर्ट आना मुश्किल है. लेकिन महापौर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप निकाय चुनाव में कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है.