कोटा. बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया और भाजपा प्रत्याशी व लगातार चार बार सांसद रहे दुष्यंत सिंह के बीच है. चुनावी घमासान में दोनों के बीच मुकाबला होना है. इसके साथ ही उनके परिवारजनों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. दुष्यंत सिंह के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की और उर्मिला जैन भाया के मामले में उनके पति पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. कांग्रेस ने भी प्रमोद जैन भाया को देखकर ही टिकट उर्मिला जैन भैया को दिया है. हालांकि दूसरी बार भाजपा और कांग्रेस के लिए दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में आमने-सामने है.
साल 2009 में 15 साल पहले दोनों के बीच एक बार कड़ा मुकाबला हो चुका है. उस चुनाव में दोनों दलों की तरफ से हेलीकॉप्टर से प्रचार हुआ था. वसुंधरा तब पूर्व मुख्यमंत्री थीं, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और प्रमोद जैन भाया मंत्री थे. एक तरफ कमान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रत्याशी दुष्यंत सिंह और उनकी पत्नी निहारिका राजे ने संभाली हुई थी. दूसरी तरफ प्रमोद जैन भाया और उनकी पत्नी उर्मिला जैन भाया ने प्रचार की बागड़ोर संभाल रखी थी. इस बार के चुनाव में दुष्यंत की पत्नी निहारिका बीमारी की वजह से चुनावी मैदान में नहीं आई हैं. जबकि शेष चेहरे चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं, लेकिन जहां 2009 में बारां और झालावाड़ जिले में कई दिनों तक हेलीकॉप्टर उड़े थे, इस बार सड़क मार्ग पर लग्जरी गाड़ियों से ही प्रचार किया जा रहा है. भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा चंद्र सिंह किराड, भुवनेश कुमार, पंकज पाजनटोरीवाला, बाबूलाल और रविराज सिंह भी चुनावी मैदान में हैं.
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वसुंधरा ने की थी 30 से ज्यादा हेलीकॉप्टर ट्रिप, भाया की भी इतनी ही: साल 2009 में परिसीमन के बाद बारां और झालावाड़ जिले की सभी विधानसभाओं को मिलाकर बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट बनी थी. इसके पहले साल 2008 बारां जिले की अंता सीट से प्रमोद जैन भाया विधायक चुने गए थे. मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें शुरुआती मंत्रिमंडल में तो शामिल नहीं किया था, लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें सार्वजनिक निर्माण विभाग का मंत्री बना दिया था.
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर इसके बाद ही 2009 के चुनाव घोषित हो गए थे, तब उर्मिला जैन को कांग्रेस में प्रत्याशी बनाया था. इस चुनाव में पहली बार वसुंधरा राजे सिंधिया को हाड़ौती में ही तगड़ी चुनौती मिली थी. दुष्यंत दूसरी बार सांसद के चुनाव के लिए मैदान में थे. वसुंधरा भी इस समय मुख्यमंत्री नहीं थी, इस चुनौती के समाधान और प्रचार को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए वसुंधरा ने करीब 30 से ज्यादा हेलीकॉप्टर ट्रिप की थी. वसुंधरा के हेलीकॉप्टर से प्रचार को देखते हुए ही प्रमोद जैन भाया ने भी हेलीकॉप्टर हायर किया और अपनी पत्नी को जीताने के लिए भरसक प्रयास करते हुए प्रचार किया था.
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52841 मतों का रहा था फासला: उर्मिला जैन भाया को साल 2009 में बारां-झालावाड़ सीट से ही लोकसभा चुनाव में 376255 वोट मिले थे. दुष्यंत सिंह को 429096 वोट मिले थे. उर्मिला जैन को दुष्यंत सिंह से 52841 वोटो से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं इस सीट पर साल 1989 के बाद अब तक हुए 9 चुनाव में वसुंधरा राजे 5 और दुष्यंत सिंह 4 बार सांसद चुने गए. करीब 35 साल से एक ही परिवार का बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट पर कब्जा है. कांग्रेस ने यहां पर हर तरह के जतन वसुंधरा और दुष्यंत के सामने किए हैं.
भाया दो बार मंत्री, तो वसुंधरा दो बार सीएम: कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया के पति प्रमोद जैन भाया राजस्थान सरकार में दो बार मंत्री रहे हैं. भाया बारां से 2003 में निर्दलीय और अंता से साल 2008 और 2018 में एमएलए बने थे. इसमें साल 2008 और 2018 में बनी कांग्रेस के सरकार में वह मंत्री भी रहे हैं. हालांकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें कांग्रेस में टिकट दिया था, लेकिन जीत नहीं मिली. जबकि वसुंधरा राजे सिंधिया 2003 से लेकर 2023 तक झालरापाटन से विधायक बनी. वहीं साल 2003 और 2013 में सीएम भी बनीं. इससे पहले झालावाड़ लोकसभा सीट से लगातार पांच बार सांसद रही हैं. जिसमें 1989, 1991, 1996, 1998 व 1999 में सांसद चुनी गई. इस दौरान केंद्रीय मंत्री भी रहीं.
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विधानसभा में रहा था 7-1 का अनुपात: कांग्रेस के लिए सीट वर्तमान में इसलिए भी चुनौती बनी हुई है क्योंकि इसके अधीन आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 7 पर भाजपा का कब्जा है. जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में केवल एक झालावाड़ जिले की खानपुर सीट पर कांग्रेस से सुरेश गुर्जर एमएलए हैं. अन्य 7 सीटों में झालरापाटन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, डग से कालू लाल मेघवाल, मनोहर थाना से गोविंद रानीपुरिया, बारां-अटरू से राधेश्याम बैरवा, छबड़ा से प्रताप सिंह सिंघवी, किशनगंज से ललित मीणा और अंता सीट से कंवरलाल मीणा चुनाव जीते हैं.
दुष्यंत को राजा और खुद को सेवक बता वोट मांग रहीं उर्मिला: कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया, भाजपा प्रत्याशी और उनके परिवार को चुनावी रैलियां और सभाओं में राजा बता रही हैं. जनता से कह रही हैं कि राजा और सेवक के बीच में अंतर समझना चाहिए. राजा जीत कर महल में चले जाएंगे और हम सेवक के रूप में आपके बीच में रहेंगे. वे भाजपा पर आरोप लगा रही हैं कि झूठ बोलकर सालों से जीतते हुए आ रहे हैं. परवन वृहद सिंचाई परियोजना प्रमोद जैन भाया की देन है. मुख्यमंत्री रहते हुए भी वसुंधरा राजे इस योजना को स्वीकृत नहीं कर पाई थी. इस बार महलों वालों को नहीं बल्कि आपके अपनों को, हमें जीताकर भेजो. हमारे दरवाजे हमेशा आपके लिए खुले हैं, लेकिन महलों के दरवाजे हमेशा बंद मिलेंगे.
दुष्यंत मोदी के नाम पर मांग रहे वोट: भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह कांग्रेस सरकार को परवन वृहद सिंचाई परियोजना की लेटलतीफी के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही भारत का भविष्य सुरक्षित है. केंद्र में भाजपा सरकार के पिछले दो कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरे हुए हैं. जम्मू कश्मीर से धारा 370 का हटना, अयोध्या धाम में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के अलावा हमारा देश आधारभूत विकास की दिशा में विकसित देशों के समकक्ष खड़ा है. उन्होंने कहा कि तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार का गठन होना तय है.
यह लोकसभा सीट का सामाजिक तानाबाना: बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट पर 20 लाख 30525 मतदाता हैं. इनमें 1042090 पुरुष और 988409 महिला हैं. थर्ड जेंडर के 26 मतदाता हैं. इस लोकसभा सीट पर एससी वर्ग में मेघवाल, खटीक, बैरवा व जाटव मतदाता हैं. एसटी वोटर में मीणा मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यह अंता व मनोहरथाना, अटरू बारां विधानसभा में है. जबकि किशनगंज में सहरिया और झालरापाटन में भील मतदाताओं की संख्या है. ओबीसी वोटर में गुर्जर, धाकड़, लोधा और माली भी बड़ी तादात में हैं. जनरल में ब्राह्मण वोटर ज्यादा हैं. अन्य की बात की जाए, तो पाटीदार, सोंधिया व राजपूत मतदाता भी काफी तादात में है. यह भी ओबीसी में आते हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के वोटर हैं.