रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 1500 PGT सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर बीजेपी घोर आपत्ति जताई है. बीजेपी ने महागठबंधन की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि नियुक्ति पत्र समारोह सिर्फ मुख्यमंत्री के चेहरे को चमकाने के लिए आयोजित किया गया था. भाजपा प्रवक्ता ने कार्यक्रम को सस्ती लोकप्रियता के लिए नौकरी बांटने का दिखावा करने का कार्यक्रम करार दिया. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पीजीटी परीक्षा पर भारतीय जनता पार्टी ने गंभीर आरोप लगाए थे कि कैसे हजारों युवा इसका सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लाखों परीक्षार्थी इंसाफ के इंतजार में थे तब सरकार ने हड़बड़ी में नियुक्ति समारोह को आयोजित क्यों किया यह भी बड़ा सवाल है.
भाजपा नेता ने कहा कि पीजीटी परीक्षा में भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण मिले थे, 70% से 80% नियुक्तियां सिर्फ दो-तीन एग्जामिनेशन सेंटर के अभ्यर्थियों की हो गई.
बोकारो की श्रेया इन्फोटेक केंद्र से 500 से ज्यादा अभ्यर्थी सफल हुए. इसलिए भाजपा इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई या किसी सक्षम एजेंसी से कराने की करती रही है. प्रतुल शाहदेव ने कहा राज्य सरकार और जे एस एस सी ने उसी एजेंसी से पीजीटी परीक्षा का एग्जाम करवाया जिसका पुराना ट्रैक रिकार्ड भी विवादित रहा है. जिन परीक्षाओं को इस एजेंसी ने कराया है, सब में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. उन्होंने इस कार्यक्रम को नौकरी बेचो कार्यक्रम करार दिया.
चंपाई सोरेन से इन नियुक्ति पत्रों को बंटवाने में राज्य सरकार ने क्यों परहेज किया?
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ रहती तो वह पूर्व सीएम चंपई सोरेन के कार्यकाल में ही घोषित तिथि के दिन इस समारोह को कर सकती थी. भाजपा का आरोप है कि जानबूझ कर पहले से तय तिथि को पहले रोका गया और फिर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को पदमुक्त किया गया. हेमंत सोरेन से नियुक्ति पत्रों का वितरण कराने के पीछे की मंशा सिर्फ उनका चेहरा चमकाना भर है.
राज्य के युवाओं को ठगते रही है यह सरकार-प्रतुल