रांची: झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण द्वारा जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता रद्द किये जाने के बाद राजनीति शुरू हो गयी है. एक ही आरोप पर झामुमो ने अपने दो विधायकों के खिलाफ अलग-अलग कार्रवाई की. इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. भाजपा ने आरोप लगाया कि झामुमो के अंदर लोकतंत्र नहीं है.
दरअसल, दलबदल मामले में जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता रद्द कर दी गयी. लोकसभा चुनाव के दौरान लोबिन की तरह झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था. लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. पार्टी ने चमरा लिंडा के खिलाफ विधानसभा न्यायाधिकरण में शिकायत तक भी दर्ज नहीं करायी. भाजपा इस मुद्दे पर झामुमो पर हमला बोल रही है.
भाजपा हुई हमलावर
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह से लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता समाप्त करने में झामुमो नेतृत्व ने तत्परता दिखायी, वैसी ही तत्परता चमरा लिंडा के खिलाफ क्यों नहीं दिखायी गयी? उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि चमरा लिंडा ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर महागठबंधन धर्म को ताक पर रखकर लोहरदगा सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यही कारण है कि राजमहल लोकसभा सीट से इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले लोबिन हेंब्रम को पहले पार्टी से निष्कासित किया गया और फिर उनके खिलाफ दलबदल का आरोप लगाकर ट्रिब्यूनल में चली गई. जबकि बिशुनपुर से झामुमो विधायक भी बगावत कर इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया. बल्कि उन्हें निलंबन जैसी हल्की सजा दी गई. पार्टी उनके खिलाफ विधानसभा ट्रिब्यूनल में भी नहीं गई.
भाजपा प्रवक्ता नें कहा कि इससे एक आंख में काजल, दूसरी में सुरमा वाली कहावत चरितार्थ होती है. उन्होने कहा कि झामुमो में लोकतंत्र नहीं बचा है. सोरेन परिवार के खिलाफ जो भी सच बोलेगा, उसे इस तरह की सजा मिलेगी, यही संदेश देने के लिए लोबिन हेंब्रम के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.