नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को लक्ष्मी नगर के बीजेपी विधायक अभय वर्मा की उस शिकायत पर फैसला करने को कहा है, जिसमें उन्होंने केजरीवाल सरकार उन स्थानों पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही, जहां से AAP विधायक चुने गए हैं. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मुख्य सचिव को इस मामले पर समयबद्ध तरीके से फैसला करने का निर्देश दिया है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया है. यह याचिका राजनीति से प्रेरित है. वर्मा की याचिका में कहा गया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2020-21 के अपने बजट भाषण में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की घोषणा की थी. सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री को अधिकृत किया गया था.
पीडब्ल्यूडी मंत्री इस मामले में भेदभाव कर रहे हैं. वे वहीं सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति दे रहे हैं, जहां से आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वकील सत्यरंजन स्वैन ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति नहीं दी. याचिका में कहा गया था कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मी नगर विधानसभा में कुछ 2066 सीसीटीवी कैमरे की जरूरत होगी. इसके लिए याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रतिवेदन दिया था, लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया.
उसके बाद याचिकाकर्ता ने दिल्ली के मुख्य सचिव को भी इस बारे में पत्र लिखा. याचिका में कहा गया था कि सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाने से इलाके के कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है. याचिका में सीसीटीवी कैमरा लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में लगवाए जाने की मांग की गई.
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