मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :छत्तीसगढ़ के 35 सौ शिक्षकों को नौकरी जाने का डर सता रहा है. इसका कारण है कि हाईकोर्ट का एक आदेश जिसमें 7 माह से शिक्षण कार्य में लगे शिक्षकों को नौकरी खोने का डर सता रहा है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में बीएड के करीब 35 सौ शिक्षक 7 महीने से शिक्षण कार्य कर रहे थे.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भंवर में फंसे सहायक शिक्षक, चिरमिरी आए मंत्री के सामने लगाई शिक्षकों ने फरियाद - BILASPUR HIGH COURT Decision
सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड धारी शिक्षकों के सामने हाईकोर्ट ने बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है. हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल बीएड धारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है.साथ ही साथ डीएलएड अभ्यर्थियों को मौका देकर नई सूची जारी करने को कहा है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Apr 5, 2024, 8:11 PM IST
मंत्री के सामने लगाई गुहार : छत्तीसगढ़ के तकरीबन 35 सौ शिक्षक बीएड और डीएड के भंवर में फंसे हुए हैं. हाईकोर्ट के आदेश ने उनके करियर पर ग्रहण लगा दिया है. नियम माने तो 90 दिन शासकीय सेवा में काम करने वाले को नौकरी से नहीं हटाया जा सकता है लेकिन इन शिक्षकों के ऊपर अपने नौकरी खोने का डर सता रहा है. जिसे लेकर शिक्षकों ने खड़गवा जनपद कार्यालय में चुनावी सभा संबोधित करने आए वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की.शिक्षकों ने ओपी चौधरी के सामने अपनी समस्याएं रखीं.जिसके बाद शिक्षकों को ओपी चौधरी ने आश्वासन दिया है.
क्या है हाईकोर्ट का फैसला ? :छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक फैसले में बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने को नियम विरुद्ध माना है. इस टिप्पणी के साथ ही नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है.हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर संशोधित चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है. आदेश में कोर्ट ने ये भी कहा है कि संशोधित चयन सूची में बीएलएड पास उम्मीदवारों को समुचित अवसर दिया जाए.