रायपुर: नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब दावेदार अपने नाम के घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. इस बार निकाय और त्रिस्तरीय चुनाव की प्रक्रिया के लिए काफी कम समय मिला है.जिसका सीधा असर चुनाव प्रचार सामग्री की बिक्री करने वालों पर पड़ रहा है. क्योंकि दोनों प्रमुख दलों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए 15 दिन से भी ज्यादा कम समय बचा है.ऐसे में प्रचार सामग्री छापने और बनाने के लिए काफी कम समय होगा.
प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बिकेगी सामग्री : विक्रेता के बाद समय पर सामग्री नहीं छपी तो विक्रेताओं तक वह नहीं पहुंचेगी. जिसकी वजह से उम्मीदवार के पास चुनाव प्रचार सामग्री की कमी भी हो सकती है. इस चुनाव प्रचार सामग्री को तैयार करना निर्माता के लिए परेशानी का सबब बन गई है. ऐसे विक्रेता भी खासे परेशान हैं. यदि सामग्री का निर्माण नहीं होगा तो इसका असर सीधे तौर पर विक्रेता पर भी पड़ेगा.
पहली बार कम समय में हो रहे चुनाव : चुनाव प्रचार सामग्री विक्रेता की माने तो इस बार इतने कम समय में चुनाव संपन्न कराया जा रहा है, जो अब से पहले कभी नहीं हुआ है. चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. लेकिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं हुई है.ऐसे में उम्मीदवारों के नाम के प्रचार सामग्री बनवाने में दिक्कत होगी. क्योंकि उम्मीदवार के घोषणा के बाद चुनाव प्रचार सामग्री बनाने का आर्डर मिलेगा. उसके बाद इन सामग्रियों का निर्माण होगा. उसमें निर्माता को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.
उम्मीदवारों को जल्दी चुनाव सामग्री चाहिए होगी और निर्माता को भी तेजी से इसे बनाना होगा. बनी प्रचार सामग्री फिर विक्रेताओं तक पहुंचेगी. उसके बाद विक्रेता दुकानदार को यह सामग्री देंगे. लेकिन एक साथ निर्माण के लिए आर्डर मिला , तो उसकी पूर्ति करना काफी कठिन होगा-अमर परचानी, प्रचार सामग्री विक्रेता
कम कारोबार होने की उम्मीद : विक्रेता अमर परचानी का ये भी कहना कि चुनाव चिन्ह से संबंधित प्रचार सामग्री उपलब्ध हैं. उसमें राजनीतिक दलों के बैनर पोस्टर झंडे सहित अन्य प्रचार सामग्री है. इस बार की बात की जाए तो राजनीतिक दलों की टोपी लोगों के आकर्षण का केंद्र है.साथ ही महिलाओं के लिए भी इस बार चुनाव प्रचार सामग्री में कुछ अलग हटके है. बाल ओर साड़ी में लगाने के लिए कई तरह की चुनाव प्रचार सामग्री मौजूद है. पिछले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान प्रदेश में लगभग 100-125 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ था. लेकिन इस बार इतने कम समय में चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराया जा रहा है, उससे यह कारोबार काफी कम होने की संभावना है.
नगर सैनिक ही निकला गांजा तस्कर, शहर में लंबे से समय से फैला रहा था नशा
कवर्धा पुलिस की साइकिल स्टोर चलाने वालों को कड़ी चेतावनी, जानिए क्या है मामला
कवर्धा में गांजा तस्कर माल समेत अरेस्ट, मुखबिर की सूचना पर बड़ी कार्रवाई