दुर्ग: जिला अस्पताल दुर्ग में बीते दिनों दो महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. दोनों महिलाओं के बच्चों का जन्म कुछ ही मिनटों के अंतर पर हुआ. जन्म के बाद अस्पताल प्रबंधन और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की लापरवाही से दोनों महिलाओं का बच्चा आपस में बदल गया. परिवार वालों को इस बात का पता तब चला जब दोनों डिस्चार्ज होकर अस्पताल से घर पहुंच गईं.
डीएनए टेस्ट से होगी पहचान: दरअसल अस्पताल में जन्म के बाद जन्म देने वाली महिला और उसकी बच्चे की तस्वीर खीची जाती है. बच्चे को जन्म देने वाली एक मां जिसका नाम शबाना है उसने जब घर पर तस्वीर को गौर से देखा तो उसे पता चला कि बच्चे की कलाई में जो नेम बैंड लगा है उसपर शबाना की जगह साधना लिखा है. आनन फानन में शबाना के परिवार वाले जिला अस्पताल दुर्ग पहुंचे. परिवार वालों ने जब ये बात अस्पताल प्रबंधन को बताई तो वो भी टेंशन में आ गए.
जिला अस्पताल की लापरवाही: जिस दिन शबाना का सिजेरियन हुआ था उस दिन जितने बच्चों का जन्म हुआ उन सबकी तस्वीर और लिस्ट चेक की गई. एक तस्वीर में ये नजर आया कि साधना नाम की महिला के पास जो बच्चा है उसकी कलाई पर शबाना का नेम बैड लगा है. पूरी बात पता चलते ही अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती को दबी जुबान में स्वीकर करते हुए दोनों को एक साथ अस्पताल में बिठाकर बातचीत की. साधना इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थी कि उसका बच्चा बदल गया. बाद में जब अस्पताल प्रबंधन ने फोटो दिखाया और पूरी बात बताई तो दोनों के परिजन अब डीएनए टेस्ट के जरिए बच्चों और उनकी मां की पहचान का पता लगाने के लिए तैयार हो गए हैं.
हम लोग दोनों परिवार वाले डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हो गए हैं. डीएनए टेस्ट के जरिए सबकुछ साफ हो जाएगा - अमीर खान, शबाना का भाई
पूरी तरह से अस्पताल प्रबंधन की गलती है. अस्पताल वाले तो यहां तक कह रहे हैं बाहर ये बातें किसी को नहीं बताना नहीं तो नौकरी चली जाएगी - साधना के परिजन
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश: अस्पताल में बच्चा बदल जाने की खबर मिलते ही कलेक्टर की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा है कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि दोनों के परिजनों की भावनाओं का सम्मान कर विवाद को सुलझाया जाएगा. अगर जरुरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा.
हम ये सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी परिवार के साथ अन्याय नहीं हो. घटना सामने आने के बाद दोनों परिवार वाले काफी परेशान हैं. 12 दिनों से वो बच्चे को पाने के लिए परेशान हैं - ऋचा प्रकाश चौधरी, कलेक्टर
जल्द सुलझ जाएगा विवाद: डीएनए टेस्ट से जरुर बच्चे और उसकी मां की पहचान मुकम्मल हो जाएगी. पर जो गलती दुर्ग जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने की है उसपर कार्रवाई कब होगी ये लोग भी पूछ रहे हैं. तमाम सावधानियों के बाद भी अगर बच्चा बदल जा रहा है तो छोटी गलती नहीं बल्कि बड़ी भूल है.