पटना:बिहार में चुनावी साल में खरमास समाप्ति के बाद कई नेताओं के पाला बदलने की तैयारी हो रही है. कभी जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मंगली लाल मंडल एक बार फिर से आरजेडी में वापसी करने वाले हैं. 24 जनवरी को वह आरजेडी में शामिल होने वाले हैं.
आरजेडी में शामिल होंगे JDU के मंगनी: मंगली लाल मंडल ने जानकारी दी है कि"6 जनवरी को लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात हो गई है. 24 जनवरी को फुलपरास में कर्पूरी जयंती के मौके पर सम्मेलन आयोजित हो रहा है और उसी में हम आरजेडी में शामिल होंगे."
खरमास के बाद कई नेता बदलेंगे पाला (जगदाबाबू की कुर्सी पर संकट) संकट में जगदानंद की कुर्सी!:आरजेडी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी कई तरह की चर्चा है और मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा हो रही है. इस पर मंगनी लाल मंडल का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है.पिछले कुछ समय से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की नाराजगी की खबरें भी सामने आ रही हैं. वहीं बहुत जल्द उनकी प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं.
संकट में जगदानंद की कुर्सी! (ETV Bharat) "जब जदयू में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई तो राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने के लिए फैसला तो लेना ही पड़ेगा."-मंगनी लाल मंडल, पूर्व सांसद
चुनावी साल में बढ़ेगी सरगर्मी: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए लगभग 8 महीने का समय अब शेष रह गया है. चुनावी साल में कई नेता पाला बदलते हैं और अब खरमास की समाप्ति के साथ कई नेताओं के पाला बदलने की तैयारी हो रही है.
पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: राजनीतिक विशेषज्ञ भोलानाथ का कहना है कि खरमास की समाप्ति के साथ ही बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी. क्योंकि चुनावी साल है नेता अपने लिए सीट सुरक्षित करना चाहेंगे या फिर उस पार्टी में जाना चाहेंगे, जहां उनकी राजनीतिक पारी आगे बढ़े. मंगनी लाल मंडल फिर से आरजेडी में जाने वाले हैं.
"उनके (मंगनी लाल मंडल) बारे में चर्चा तो यह भी है कि उन्हें आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है. वहीं आरजेडी के भी कई विधायक दूसरे दल में जाने वाले हैं और चुनाव के समय यह सिलसिला बढ़ेगा. सियासी व्यक्ति जो भी है, वह चुनाव लड़ना चाहता है. उस दल से चुनाव लड़ना चाहेगा जहां से उसकी जीत पक्की हो इसलिए आने वाले समय में कई नेताओं के पाला बदलने की खबर आएगी."- भोलानाथ, राजनीतिक विशेषज्ञ
राजनीतिक विशेषज्ञ भोलानाथ (ETV Bharat) मंगनी लाल की JDU से नाराजगी का कारण:लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने मंगनी लाल मंडल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया था. मंगनी लाल मंडल आरजेडी से जेडीयू में आए थे. उस समय नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी थी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था. पार्टी के महत्वपूर्ण बैठक में भी उनकी बड़ी भूमिका होने लगी थी.
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने से मंगनी लाल मंडल लोकसभा चुनाव के दौरान ही काफी खफा थे. झंझारपुर के जेडीयू उम्मीदवार को हराने की कोशिश भी की थी. हालांकि उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली. लेकिन अब जेडीयू छोड़ आरजेडी में जाने का फैसला ले लिया है.
जेडीयू प्रवक्ता नवल शर्मा (ETV Bharat) "मंगनी लाल मंडल पुराने समाजवादी विचार के लोग हैं, लेकिन चुनावी मौसम में उनके समाजवादी मूल्य पर चुनाव का लाभ भारी पड़ गया. मंगनी लाल मंडल जैसे लोगों के जाने से हमारी पार्टी पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. बनियापुर के विधायक केदार सिंह के जेडीयू में आने की बात है और वैसे कई लोग हैं जो लाइन में हैं, लेकिन फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगा."-नवल शर्मा, जेडीयू प्रवक्ता
RJD के केदार सिंह थामेंगे JDU का तीर!: वहीं आरजेडी के बनियापुर के विधायक केदार सिंह का कहना है जहां उनके बड़े भाई रहेंगे उनका भी ठिकाना वही रहेगा. पिछले साल ही केदार सिंह के भतीजा और प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह जेडीयू में शामिल हो चुके हैं और उस समय से चर्चा है कि केदार सिंह भी जदयू में आएंगे. अब साफ संकेत दे रहे हैं कि जेडीयू में जल्द ही शामिल होंगे . नीतीश कुमार के सिग्नल मिलते ही जेडीयू का दामन थाम लेंगे.
JDU के जगदीश शर्मा और राहुल शर्मा बदल सकते हैं पाला: लोकसभा चुनाव में जगदीश शर्मा और राहुल शर्मा को लेकर भी जेडीयू में काफी विवाद हुआ था. जहानाबाद में जेडीयू के उम्मीदवार के चुनाव हारने के बाद अशोक चौधरी ने जो बयान दिया था, उसके कारण यह चर्चा थी कि राहुल शर्मा भी जेडीयू छोड़ेंगे.
सीट को लेकर है नाराजगी: हालांकि राहुल शर्मा का कहना है कि अभी तो एनडीए में हैं. लेकिन घोसी से हर हाल में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में देखना है कि जब राहुल शर्मा को विधानसभा चुनाव में जदयू के तरफ से टिकट नहीं मिलता है तो क्या फैसला लेते हैं क्योंकि लोकसभा का चुनाव भी लड़ना चाहते थे. लेकिन टिकट नहीं मिला और उस समय से उनकी नाराजगी की बात आ रही है.
राजनीतिक 'घर' बदलने में नागमणि का भी नाम: पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कई बार पाला बदल चुके हैं. कभी जेडीयू तो कभी आरजेडी तो कभी उपेंद्र कुशवाहा के साथ भी राजनीति की है. अब प्रशांत किशोर के साथ पारी खेलना चाहते हैं. प्रशांत किशोर से उनकी बातचीत भी हुई है. नागमणि का कहना है कि हम लोगों की भी पार्टी है और हम लोगों ने बातचीत की है. अब प्रशांत किशोर की तरफ से जो पहल होगी, उसके हिसाब से फैसला लेंगे. क्योंकि बिहार में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार से लोग ऊब चुके हैं, नया विकल्प चाहते हैं.
आरजेडी प्रवक्ता आरजू खान (ETV Bharat) "जेडीयू के नेता काफी समय से कह रहे हैं लेकिन पहले अपना खेमा बचा लें. आरसीपी सिंह जब केंद्र में मंत्री बने तो बीजेपी के होकर रह गये अब ललन सिंह मंत्री बने हैं, ऐसा ना हो कि बीजेपी के हो जाएं."-आरजू खान, आरजेडी प्रवक्ता
कट सकता है कई विधायकों का टिकट: बिहार में 2020 में हुए चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बन गई और जेडीयू के कई विधायक चुनाव हार गए. पिछले साल लोकसभा के चुनाव में एनडीए को 40 में से 30 सीट पर जीत मिली और महागठबंधन केवल 10 सीटों पर ही जीत हासिल कर सका. उसमें चार सीट ही आरजेडी को मिली. चर्चा है कि इसी आधार पर कई विधायकों का टिकट कट सकता है.
खुदकी राजनीतिक जमीन सुरक्षित करने की कोशिश:पिछले साल कई विधायक आरजेडी और कांग्रेस को छोड़ भी चुके हैं. उनकी सदस्यता का मामला विधानसभा में चल रहा है. वहीं एनडीए में पांच दलों की एकजुटता के कारण विपक्षी खेमे में बेचैनी दिख रही है और चुनावी साल में जो भी नेता चुनाव लड़ना चाहते हैं, अपने लिए सबसे सुरक्षित सीट चाहेंगे. जिस दल में उन्हें सुरक्षित जगह मिलेगी, वहां पाला बदलेंगे.
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