पटना: बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों पर खेला तो नहीं हुआ, लेकिन बीजेपी के एक नेता राकेश तिवारी की ओर से पैसा जमा करने और रसीद लेने पर चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि नीतीश कुमार के कारण कोई खेल नहीं हो सका. 6 उम्मीदवार ने नॉमिनेशन किया और सभी निर्विरोध चुन लिये गए. वहीं अभी बिहार विधान परिषद की 11 सीटों पर भी चुनावहोना है और इसमें खेला होने की अटकलें लगायी जाने लगी है.
बिहार के MLC चुनाव में होगा खेला?: महागठबंधन के तीन विधायक पहले बागी हुए थे और अब तीन और विधायकों के बागी हो जाने के बाद महागठबंधन के लिए परेशानी बढ़ रही है और चर्चा यह भी है कि कई विधायक और पाला बदलने की तैयारी में है. ऐसे में महागठबंधन के लिए पांचवा सीट निकालना मुश्किल हो सकता है.
क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ा:बिहार विधानसभा में अभी 242 विधायक हैं क्योंकि एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो चुकी है. महागठबंधन के पास 6 विधायकों के बागी होने के बाद 107 विधायक हैं, जबकि विधान परिषद के एक सीट के लिए 22 विधायकों की जरूरत पड़ती है. इस हिसाब से 5 सीट के लिए 110 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में पांचवें सीट के लिए केवल 19 विधायक ही बच रहे हैं. यदि कुछ और विधायकों ने पाला बदल लिया और चुनाव की नौबत आ गई तो क्रॉस वोटिंग भी होने का खतरा रहेगा.
NDA का पलड़ा भारी:दूसरी तरफ देखें तो एनडीए के पास अब 134 विधायक हो चुके हैं. पहले 128 विधायक थे. ऐसे में एनडीए 5 सीट तो आसानी से निकाल लेती, लेकिन छठे सीट के लिए एनडीए के पास केवल 18 विधायक ही बच रहे थे, लेकिन बागी के कारण अब 134 विधायक हो चुके हैं. छठे विधायक के लिए अब 24 विधायक बच रहे हैं यानी कि जितने विधायकों की जरूरत एक सीट के लिए है उससे अधिक विधायक एनडीए के पास हो गए हैं.
सातवां उम्मीदवार उतारने की संभावना:महागठबंधन के विधायकों ने फिलहाल पाला नहीं बदला तो बिहार में एमएलसी चुनाव होने की नौबत कम रहेगी, लेकिन और विधायकों ने पाला बदल लिया तब खेल होने की प्रबल संभावना रहेगी. क्योंकि एनडीए के तरफ से सातवां उम्मीदवार मैदान में उतारा जा सकता है. बशर्ते नीतीश कुमार तैयार हो जाएं.
महागठबंधन की स्थिति: महागठबंधन के विधायकों की संख्या 107 है. विधान परिषद के पांच सीट के लिए चाहिए 110 विधायकों की संख्या की जरूरत है. राजद के 75, कांग्रेस के 17 विधायक, वाम दलों के 15 विधायक हैं. एआईएमआईएम के एक विधायक, महागठबंधन खेमे को समर्थन दे सकते हैं.