पटना:शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब कांड ने एक बार फिर से लोगों को झकझोर कर रख दिया है. मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. सिवान,सारण और गोपालगंज में मौत का तांडव जारी है. सिवान में 32, सारण में 13 और गोपालगंज में 2 की मौत की खबर है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 47 लोगों की जान लेने वाली शराब जहरीली कैसे बन गई.
सारण डीएम का बड़ा खुलासा:इस मामले में सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि हम लोगों को जो घटनास्थल से शराब मिली थी, उसका लैब टेस्ट करवाया गया. उसमें 80 परसेंट मिथाइल अल्कोहल पाई गई है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी घातक होती है. शराब के जहरीले होने का मुख्य कारण इसमें मिथाइल अल्कोहल का पाया जाना होता है.
"स्पिरिट कहां से आया है, इसकी जानकारी हमलोग प्राप्त कर रहे हैं. मौका-ए-वारदात से हमने एक पॉलिथीन और एक बोतल बरामद किया था. बोतल के ड्राप लेट्स को लेकर हमने एक्साइज विभाग भेजा था. उसका प्रतिवेदन हमें मिला है. जांच में पाया गया कि उसमें 80 प्रतिशत मिथाइल अल्कोहल है. एक और हानिकारक तत्व पाया गया है. मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल किसी दूसरे कारण से होता है, जिसका इस्तेमाल शराब बनाने में किया गया."-अमन समीर, जिलाधिकारी, सारण
अवैध शराब की भट्ठियां की जाती हैं नष्ट: प्रशासन द्वारा लगातार अवैध शराब की भट्ठियां नष्ट की जाती हैं और शराब माफियाओं पर भी नकेल कसा जाता है. उसके बावजूद जहरीली शराब से मौत के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं जहरीली शराब पीने से लोगों की आंखों की रोशनी कम होने, धुंधला दिखाई देने की शिकायत पर चार व्यक्ति को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने चेकअप के दौरान बताया कि जहरीली शराब का असर हो चुका है और इसी कारण इन लोगों को धुंधला दिखाई दे रहा है. अबतक लगभग सात से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी जाने की बात सामने आ चुकी है.
"पिछले 24 घंटे में हमने 250 छापेमारी की है. करीब साढ़े सोलह सौ लीटर शराब पूरे जिले से बरामद हुई है. इसके अलावा साढ़े तेरह हजार से ऊपर एक तरह का घोल बरामद करके विनष्ट किया गया है. साथ ही 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हमारा अभियान लगातार जारी है."-डाक्टर कुमार आशीष, एसपी सारण