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'मुस्लिम प्रतिनिधि' कहने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जतायी नाराजगी, दिया बड़ा बयान - ARIF MOHAMMED KHAN

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुझसे किसी ने एक बार पूछा था मुसलमानों के प्रतिनिधि होने के नाते क्या करेंगे?

ARIF MOHAMMED KHAN
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 10, 2025, 1:05 PM IST

पटना:राजधानी पटना में आयोजित उद्योगपतियों के एक बैठक में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खानभी पहुंचे थे. उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि वह बिहार के राज्यपाल बने हैं तो लोग उन्हें मुस्लिम राज्यपाल करके संबोधित करते हैं जो कि कहीं से भी उचित नहीं है.

'मैं किसी जाति-धर्म का नहीं'- राज्यपाल:उन्होंने मंच से बोलते हुए साफ-साफ कहा कि मैं कानपुर से जब चुनाव जीत करके गया लोकसभा पहुंचा तो कई लोग आते थे, कहते थे कि हम अकलियत समाज से हैं और हम उन्हें साफ कहते थे कि मैं भारत के नागरिक के रूप में लोकसभा का सदस्य बना हूं. यह मत कहिए कि मैं अकलियत समाज से हूं. उन्होंने कहा कि समाज में जातीय चेतना को लेकर जो कुछ किया जा रहा है वह कहीं से भी उचित नहीं है.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (ETV Bharat)

क्या जातीय जनगणना के खिलाफ हैं राज्यपाल?: आरिफ मोहम्मद खान यहीं नहीं रुके उन्होंने कई तरह की कहानी सुनाई और एक तरह से देश में जातीय गणना का भी विरोध जताया. वैसे उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात कह रहा हूं मैं किसी पॉलिटिकल लीडर को यह सब नहीं कर सकता हूं, लेकिन मैं इतना जानता हूं कि कम्युनिटी के नाम पर जो लोग एकजुटता दिखाते हैं, कोई किसी बात को लेकर प्रेशर डालते हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है.

"मैं अभी भी राज्यपाल के पद पर हूं. मैं समझता हूं कि भारत के नागरिक के रूप में मुझे राज्यपाल के पद पर बैठाया गया है और जो हमारा कर्तव्य है जो हमारा काम है वह एक भारतीय नागरिक के रूप में ही हम करते रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे. किसी भी समाज को कम्युनिटी में बांटना कहीं से भी उचित नहीं है. अगर ऐसा होता है तो समाज कमजोर होता है."- आरिफ मोहम्मद खान,राज्यपाल, बिहार

महाकुंभ पहुंचे थे राज्यपाल:बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सात फरवरी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भारत की संस्कृति का सनातन आदर्श एक आत्मता है. अब तक 40 करोड़ लोग आ चुके हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसे देखना सौभाग्य की बात है. साथ ही उन्होंने सनातन को महान संस्कृति बताया था.

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