बजट की राशि क्यों नहीं खर्च हो पा रही. (ETV Bharat) पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्री लगातार बयान देते रहे हैं कि बिहार का बजट आकार लगातार बढ़ रहा है. CAG की हालिया रिपोर्ट को देखें तो 2005-06 में बिहार का बजट आकर 28976.40 करोड़ रुपया था जो 2022-23 में बढ़कर 3 लाख 1686.46 करोड़ हो गया. एक दूसरी सच्चाई यह भी है कि बजट का आकार बढ़ा है, लेकिन नीतीश सरकार बजट की राशि कभी भी पूरी तरह से खर्च नहीं कर पाई है. हर साल बजट की राशि में से एक चौथाई हिस्सा खर्च नहीं हो पाता है.
खर्च करने की संस्थागत क्षमता ठीक नहींः बिहार के अर्थशास्त्री एनके चौधरी का कहना है राशि खर्च नहीं हो पाने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि केंद्र से जो राशि मिलती है वह शुरू में नहीं मिलती. इसी साल वित्तीय वर्ष का 3 महीना से अधिक हो चुका है लेकिन जो जानकारी मिल रही है 10% के आसपास ही राशि खर्च हो पाई है. कई विभागों में उससे भी कम राशि खर्च हुई है. यह पिछले कई सालों का ट्रेंड है. इससे विकास की योजनाएं प्रभावित होती हैं. कई योजनाएं समय पर पूरा नहीं हो पाती है. उनका बजट आकार भी बढ़ जाता है.
"यह नीतीश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. बिहार में खर्च करने के लिए जो इंस्टीट्यूशन व्यवस्था होनी चाहिए वह अच्छी नहीं है. बिहार सरकार को खर्च करने की जो संस्थागत क्षमता है उसे और बढ़ाना चाहिए बेहतर करना चाहिए."- एनके चौधरी, अर्थशास्त्री
वर्ष 2022-23 में भी 9 विभागों की राशि बची रह गईः बिहार सरकार के 9 प्रमुख विभाग हैं. उसका बजट आकर बड़ा है. 9 विभाग की कुल बजट राशि 181742 करोड़ है, लेकिन खर्च 136421 करोड़ के आसपास ही हो पाया. बड़ी राशि बची रह गई. इसमें एक नंबर पर शिक्षा विभाग है, दूसरे और तीसरे नंबर पर ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य विभाग है. यदि इन विभागों का खर्च देखें तो साफ पता चल जाएगा कि विभागीय बजट का बड़ा हिस्सा वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाया.
सरकार के लिए बड़ी चुनौती: बजट की राशि वित्तीय वर्ष में ही खर्च हो जाए इसके लिए नीतीश सरकार की तरफ से कई तरह के प्रयास किए गए. शिक्षा विभाग में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, स्वास्थ्य विभाग में बिहार मेडिकल सर्विस और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड सहित अन्य विभागों में इसी तरह कॉर्पोरेशन का निर्माण किया गया है. सरकार बड़ी राशि उसमें डाल दे रही है, लेकिन सच्चाई यही है कि बजट की राशि का वित्तीय वर्ष में सरकार खर्च करने में नाकाम रही है.
"सरकार तो लगातार काम कर रही है और जो भी बजट की राशि है सरकार उसे खर्च कर रही है. ऐसा नहीं है कि सरकार का बजट की राशि पर ध्यान नहीं है क्योंकि उसी के अनुसार सरकार योजना तैयार करती है."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
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