रोहतास:बिहार के रोहतास में भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने कहा है कि वह जल्द ही यह घोषणा करने वाली है कि वह किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मीडिया व अपने प्रशंसकों से फिलहाल धैर्य रखने की उन्होंने अपील की है.
किस सीट से चुनाव लड़ेंगी ज्योति सिंह?: बता दें कि डेहरी और काराकाट इलाके में ज्योति सिंह जहां भी जा रही हैं, महिलाएं उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत कर रही हैं. इसी कड़ी में पटनवा में एक निजी शादी समारोह में जब वह पहुंची, तो घर की महिलाओं ने उन्हें खोईछा दिया और सिंदूर भी लगाया. ज्योति सिंह ने कहा कि वह चुनाव मैदान में आ रही हैं, यह तो तय है.
"मैं एक विधानसभा तो घूम नहीं रही हूं कि इसे आप चुनावी मसला बना सकते हैं. यहां पारिवारिक माहौल है. अम्मा ने प्यार से मेरा खोईछा भरा है. यह लोगों का प्यार है जो मुझे यहां आने के लिए मजबूर करता है. मेरी रुचि की कोई बात ही नहीं है, देखना होगा कि पार्टी हमें कहां से टिकट देती है. ये देखना होगा कि जनता कहां से चाहती है कि मैं चुनाव लड़ूं. जहां से जनता का आशीर्वाद मिलेगा वहां से लड़ूंगी."- ज्योति सिंह, पवन सिंह की पत्नी
'डेहरी और काराकाट दोनों सीट प्रिय':ज्योति सिंह ने कहा कि डेहरी और काराकाट दोनों विधानसभा की सीट उनके लिए प्रिय है. साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि वह किस सीट से किस्मत आजमाएंगी, इसकी जल्द ही घोषणा करेंगी. बता दें कि ज्योति सिंह डेहरी में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उनकी चॉइस सर्वोपरि नहीं है.
क्षेत्र में एक्टिव हैं ज्योति सिंह: बता दे की ज्योति सिंह भोजपुरी के पावर स्टार के नाम से चर्चित पवन सिंह की धर्मपत्नी हैं. पिछले कुछ वर्षों से दोनों के बीच कानूनी विवाद भी चल रहा है, लेकिन इसके बावजूद ज्योति सिंह पिछले लोकसभा चुनाव में पवन सिंह के साथ चुनाव प्रचार करते देखी गई थी. इस दौरान ही ज्योति सिंह की लोकप्रियता काफी बढ़ गई.
लोकसभा चुनाव में पवन सिंह की हार: गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद पवन सिंह का इलाके में दौरा लगभग नहीं हुआ, लेकिन हार के बावजूद ज्योति सिंह लगातार इलाके में बनी रहीं. विभिन्न निजी कार्यक्रमों में भी वह आती जाती रहती हैं. साथ ही डेहरी, काराकाट, नोखा, दिनारा आदि इलाके में उन्हें भ्रमण करते हुए देखा गया है. बड़ी बात है कि उन्होंने कभी भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से इनकार नहीं किया.