कोटा.सीबीआई की टीम ने साल 2022 में कोटा व अजमेर रेलवे मंडल में छापेमारी की थी, जिसमें फिटकरी पाउडर के नाम पर मार्बल पाउडर भेजने का घोटाला उजागर हुआ था. ऐसी करीब 70 से ज्यादा मालगाड़ियां कोटा, मांडलगढ़ व नाथद्वारा से असम, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल भेजी गई थीं. इस मामले में अब सीबीआई ने जयपुर में तीन एफआईआर दर्ज की है, जिनमें 12 करोड़ से ज्यादा के गड़बड़झाले का आरोप लगाया गया है. यह गड़बड़झाला दो फर्मों के जरिए किया गया था. ऐसे में इन दोनों फर्मो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनके साथ ही फर्म के डायरेक्टर और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है.
इस मामले में लंबे समय से सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई की एफआईआर के अनुसार माल कोटा रेल मंडल के भरतपुर, मांडलगढ़ और अजमेर रेल मंडल के नाथद्वारा स्टेशन से भेजा गया था. यह माल जम्मू-कश्मीर के कठुआ, पश्चिम बंगाल के सांकरेल गुड्स टर्मिनल व रंगपानी, असम के डेकारगांव और चंगसारी गया था. यह पूरा काम दो फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था. सबसे बड़ी बात यह है कि किसी भी मालगाड़ी में फिटकरी पाउडर नहीं भेजा था, बल्कि उसकी जगह मार्बल पाउडर भेज दिया गया था. जबकि रेलवे में ऑनलाइन रैक बुक होने के बाद यह माल भरा जाता है. वहीं, सीबीआई की एफआईआर से रेलवे को सीधे नुकसान होने की बात कही गई है. साथ ही गड़बड़ी में शामिल लोगों ने यह पैसा गलत तरीके से हासिल हुए थे.
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जांच में 70 से ज्यादा मालगाड़ियों की पुष्टि :सीबीआई की एफआईआर के अनुसार सितंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच जांच की गई थी. इसमें करीब 70 से ज्यादा रैक की पुष्टि हुई है, जिसमें कोटा रेल मंडल के भरतपुर से भेजी गई रैक के मामले में सीबीआई ने एफआईए संख्या RC0302023A0007 दर्ज की है. इसमें भरतपुर से 52 रैंक सितंबर 2021 से सितंबर 2022 तक भेजी गई है, जिसमें 6 करोड़ 83 लाख 72 हजार 60 रुपए का गड़बड़झाला सामने आने की बात है.
इसी तरह से ही दूसरी एफआईआर कोटा रेलवे मंडल के मांडलगढ़ गुड शेड्स (भीलवाड़ा) के मामले में (RC0302023A0004) दर्ज है. इसमें 20 रैक भेजने का जिक्र है. साथ ही इनमें 5 करोड़ 13 लाख 89 हजार 886 रुपए के गड़बड़झाला होने की बात कही गई है. तीसरा मामला नाथद्वारा का है. यह अजमेर रेल मंडल में आता है, जिसमें 23 लाख 7 हजार 217 रुपए का किराया लॉजिस्टिक कंपनी ने चुकाया है. इस मामले में (RC0302023A0001) फिर से एफआईआर दर्ज कराई गई है. तीनों मामलों में सीबीआई जयपुर की टीम जांच पड़ताल कर रही है. ये तीनों ही मुकदमे साल 2023 में दर्ज किए गए थे.
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12.19 करोड़ का गड़बड़झाला :सीबीआई के अनुसार सितंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच जांच की थी. इन मालगाड़ियों में फिटकरी के नाम पर मार्बल पाउडर भेजे गए थे, जबकि फिटकरी भेजने का किराया 1200 रुपए प्रति टन है. मार्बल पाउडर का किराया 2800 से 2900 रुपए प्रति टन है. एक मालगाड़ी में 60 डिब्बे होते हैं और एक डिब्बे में 42 टन से ज्यादा माल आता है. इन मालगाड़ियों में मार्बल पाउडर भेजा गया है, जिसमें एक मालगाड़ी से किराया करीब 70 लाख 56 हजार रुपए होना था. जबकि पैसा फिटकरी पाउडर की दर से 30 लाख 24 हजार वसूला गया. ऐसे में एक मालगाड़ी में करीब 40 लाख 32 हजार रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था. वहीं, सीबीआई ने इस मामले में 12.19 करोड़ का गड़बड़झाला माना है.