बालोद में भ्रष्टाचारी खा गए सड़क, नाराज लोगों ने फूंका आंदोलन का बिगुल - corruption in PWD Balod
corruption in Balod बालोद के आदिवासी विकासखंड डोंडी में बन रही सड़क को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. नाराज लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया गया. सड़क अगर दो महीने भी चल जाए तो बहुत है. Angry people blocked road
बालोद: डोंडी के ग्राम अडजाल में इन दिनों सड़क निर्माण का काम चल रहा है. सड़क निर्माण में बरती जा रही लापरवाही के खिलाफ अब गांव वाले एकजुट हो गए हैं. गांव वालों का कहना है कि सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. डामर, बोल्डर और गिट्टी का इतना कम इस्तेमाल किया जा रहा है कि सड़क कुछ ही दिनों में उखड़ने लगेगी. सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर अब गांव वाले आंदोलन पर उतर आएं हैं. जिला पंचायत उपाध्यक्ष और जनपद सदस्य गांव वालों के साथ विरोध में धरने पर बैठ गए हैं.
''सड़क निर्माण में जिस तरह की लापरवाही बरती जा रही है उससे सड़क ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी. सड़क के दोनों ओर डामर और गिट्टी का इस्तेमाल तो किया गया है लेकिन बीच में मेटरियल का नहीं डाला गया. सड़क के बीचो बीच मिट्टी की परत भी कई जगह नजर आ रही है'' - स्थानीय निवासी
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप: स्थानीय लोगों की शिकायत है कि बन रही सड़क अगर दो महीने भी टिक जाए तो बहुत है. पंचायत के लोगों की मांग है कि सड़क निर्माण के काम की जांच की जाए. गांव वालों की शिकायत है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. डोंडी में सड़क निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में चल रहा है. विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान में ये मान रहे हैं कि गड़बड़ी की शिकायत मिली है जांच की जा रही है.
''सड़क निर्माण में कुछ गड़बड़ियों की शिकायत मिली है. जिला पंचायत और उसके सदस्यों ने इस बाबत जानकारी दी है. हमारी कोशिश है कि मौके पर जाकर निर्माण कार्य की जांच अफसरों द्वारा की जाए. जांच में अगर लापरवाही बरती गई है तो सड़क निर्माण का कार्य फिर से कराया जाएगा ''- एम. प्रसाद, ईई PWD, बालोद
आठ साल पहले बनी थी सड़क: स्थानीय लोगों का कहना कि डोंडी में सड़क का निर्माण आठ साल पहले हुआ था. गांव से जुड़ने वाली सड़क होने के चलते इस पर भारी वाहन ज्यादा नहीं चलते. भारी वाहन नहीं चलने के बाद भी सड़क अपने समय से पहले खराब हो गई. तीन चार सालों तक गांव वाले सड़क को ठीक कराने के लिए विभाग के चक्कर काटते रहे. काफी मिन्नत के बाद जब सड़क निर्माण का काम शुरु हुआ तो बिना बोल्डर और गिट्टी डाले ही डामर बिछाने का काम शुरु कर दिया गया. सड़क के किनारे किनारे तो थोड़ा मटेरियल डाला गया लेकिन बीच सड़क पर मिट्टी की परत ही दिखाई दे रही है. अब देखना ये होगा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी जांच कर क्या कार्रवाई करते हैं.