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रोडवेज ड्राइवरों को बड़ी सहूलियत: वेस्ट यूपी के चालक लोनी में, पूर्वांचल के बनारस में देंगे टेस्ट; कानपुर की भागदौड़ से होगी छुट्टी - UPSRTC NEWS - UPSRTC NEWS

उत्तर प्रदेश राज सड़क परिवहन निगम चालकों को बड़ी सहूलियत देने जा रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चालक अब लोनी में टेस्ट दे सकेंगे तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के चालकों को कानपुर नहीं आना पड़ेगा.

यूपी रोडवेज के चालकों को बड़ी राहत
यूपी रोडवेज के चालकों को बड़ी राहत (photo credit etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 12:33 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 2:28 PM IST

यूपी रोडवेज के चालकों को बड़ी राहत (video credit etv bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज सड़क परिवहन निगम चालकों को बड़ी सहूलियत देने जा रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चालक अब लोनी में टेस्ट दे सकेंगे तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के चालकों को कानपुर नहीं आना पड़ेगा. एक जुलाई से बनारस में ही टेस्टिंग ट्रैक पर चालक टेस्ट दे सकेंगे. अभी तक सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था यही है कि पूरे प्रदेश के चालकों को टेस्ट के लिए कानपुर की केंद्रीय कार्यशाला में ही आना पड़ता था. इस फैसले से चालकों के पैसे के साथ ही समय की भी बचत होगी. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि एक जुलाई से ये नई व्यवस्था पहली बार लागू हो जाएगी.

दो तरह के होते हैं टेस्ट

परिवहन निगम के चालकों को भर्ती के दौरान दो तरह के टेस्ट से गुजरना पड़ता है. पहले अप्लाई करने के बाद उनकी सभी तरह की अर्हताओं की जांच परिवहन निगम के अधिकारी करते हैं. उनकी आठवीं की शिक्षा के साथ ही दो साल पुराना हैवी ड्राइविंग लाइसेंस चेक किया जाता है. कागजात वेरीफाई करने के बाद उनका प्री टेस्ट लिया जाता है, जिसमें गाड़ी चलवा कर देखी जाती है. यहां टेस्ट में पास होने के बाद उन चालकों को कानपुर कार्यशाला में टेस्ट देने के लिए भेजा जाता है. यहां पर कई चरणों के टेस्ट से गुजरने के बाद उन्हें परिवहन निगम की बसों को चलाने का ग्रीन सिग्नल दे दिया जाता है. इसके बाद चालकों की भर्ती हो जाती है और बस का संचालन करने लगते हैं. टेस्ट के लिए अभी तक पूरे प्रदेश के चालकों को कानपुर स्थित रोडवेज की केंद्रीय कार्यशाला में टेस्ट देने के लिए आना पड़ता था. दो दिन तक उन्हें यहां रुकना पड़ता था, लेकिन अब जुलाई माह से पूर्वांचल के सभी रीजन के डिपो के चालक टेस्ट देने के लिए कानपुर के बजाय बनारस में ही सुविधा प्राप्त कर सकेंगे.

चालकों को कई दौर से गुजरना पड़ता है

टेस्टिंग ग्राउंड पर चालकों को कई तरह का टेस्ट देना पड़ता है, जिसमें स्लोप पर बस को चलाकर दिखाना होता है. पी आकार, टी आकार और 8 आकार बनाना पड़ता है. इन पर पास होने के बाद चालक को ग्रीन सिग्नल दे दिया जाता है और परिवहन निगम में बस चलाने के लिए चालक के पद पर जॉइनिंग हो जाती है. एक जुलाई से बनारस में टेस्टिंग की व्यवस्था लागू होने के बाद हजारों चालकों को बड़ी सहूलियत मिलेगी.

रोडवेज में हो रही है 5 हजार चालकों की भर्ती

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर का कहना है कि परिवहन निगम लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है. 5000 चालकों की भर्ती परिवहन निगम में ओपन है. जिनके पास दो साल पुराना हैवी ड्राइविंग लाइसेंस है और मात्र कक्षा आठ तक की शिक्षा प्राप्त किए हैं और उनके कागज पूरे हैं तो वह परिवहन निगम में चालक के पद पर अप्लाई कर सकते हैं. जहां तक टेस्ट की बात है तो अभी तक चालकों को कानपुर कार्यशाला आना पड़ता था लेकिन अब जुलाई माह से पूर्वांचल के सभी रीजन के चालकों का टेस्ट बनारस में ही हो जाएगा. इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चालकों को भी कानपुर आना पड़ता था जो काफी दूर पड़ जाता था. इसी को ध्यान में रखते हुए उनके लिए लोनी में टेस्ट की व्यवस्था की गई. अब पूर्वांचल को बनारस में सुविधा प्रदान की जा रही है. यह चालकों के लिए काफी राहत की बात होगी. वह वहीं पर अपना टेस्ट दे सकेंगे और पास होने पर रोडवेज में चालक पद पर भर्ती हो सकेंगे और रोजगार पा सकेंगे.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 2:28 PM IST

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