दौसा: राजस्थान के दौसा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिस व्यक्ति को जिम्मेदारों द्वारा कागजों में मृत दर्शाया जा रहा है, आखिरकार वह गुरुवार को खुद कलेक्ट्रेट पहुंचा और अपने आपको जीवित होने का दावा करता रहा. वहीं, जिम्मेदार अधिकारी कहते रहे कि जांच कराएंगे. जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण कागजों में मृत घोषित होने के चलते पीड़ित व्यक्ति सरकारी लाभों से वंचित है, साथ ही अब जिम्मेदार अधिकारी भी अपनी गलतियों को छिपाने के लिए मामले पर टाल-मटोल करने में जुटे हैं. दरअसल, पूरा मामला सिलिकोसिस पीड़ित रामअवतार सैनी से जुड़ा हुआ है. रामावतार सैनी लंबे समय से सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है.
ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे चल रही सांसें :वर्तमान में पीड़ित की सांसें भी अटक-अटक कर चलती हैं. यानी उसे ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे जीवित रखा जा रहा है, लेकिन इस संकट के पल में भी सिलिकोसिस पीड़ित सरकार द्वारा खुद को मिलने वाले लाभ से वंचित है. ऐसे में पिछले लंबे समय से ये परिवार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. ई-मित्र पर डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन करने के लिए भी बार-बार चक्कर काट चुका है, लेकिन जैसे ही जनआधार नंबर ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज किए जाते हैं तो रामावतार सैनी को मृत दर्शाया जाता है.
सिलिकोसिस पीड़ित को मृत बताया, सुनिए किसने क्या कहा... (ETV Bharat Dausa) बेटे के जिंदा होने के सबूत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे बुजुर्ग माता-पिता : ऐसे में गुरुवार को रामावतार सैनी के बुजुर्ग माता-पिता अपने सिलिकोसिस पीड़ित बेटे को लेकर दौसा के कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे, जहां पीड़ित परिवार कलेक्टर से गुहार लगाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ गाड़ी को पोर्च तक ले आए. जैसे ही सिलिकोसिस पीड़ित मरीज के कलेक्ट्रेट पहुंचने की जानकारी विभागीय अधिकारियों के पास पहुंची, उनमें हड़कंप मच गया.
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एडीएम ने दिया आश्वासन, पीड़ित परिवार समाधान पर अड़ा : इस दौरान मामले की सूचना मिलते ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनमोहन मीना मरीज से मिलने आए और पीड़ित परिवार को भरोसा दिया कि जो भी ऑनलाइन त्रुटि है, उसको लिखवाया जा रहा है. शीघ्र ही समस्या का समाधान कराया जाएगा, लेकिन सिलिकोसिस पीड़ित रामअवतार सैनी के पिता कहते रहे कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक वह इसी जगह पर रहेंगे और अपने प्राण तक त्याग देंगे. एडीएम मनमोहन मीना ने कहा कि पीड़ित की जनआधार को चेक करवाते हैं. इसमें जो भी गलती होगी, उसे ठीक करवाकर पीड़ित को सरकारी लाभ दिलवाए जाएंगे.