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बीजेपी जानबूझकर कर रही हरियाणा में खाद की कमी, हनीमून पीरियड से बाहर आकर करें किसानों की मदद- भूपेंद्र हुड्डा

Fertilizer shortage in Haryana: हरियाणा में खाद की कमी पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.

Bhupinder Hooda
Bhupinder Hooda (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 5 hours ago

Updated : 2 hours ago

चंडीगढ़: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया कि हरियाणा में भाजपा सरकार जानबूझकर किसानों को घाटे में धकेलने के लिए खाद की कमी पैदा कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बयान में दावा किया कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद, भाजपा किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं करा पाई. जब से भाजपा सत्ता में आई है, तब से उसने किसानों को खाद के लिए कतारों में खड़ा रखा है.

हरियाणा में खाद की कमी पर भूपेंद्र हुड्डा: उन्होंने कहा, "हर फसल के मौसम में किसानों को खाद केंद्रों पर लंबी कतारों में घंटों और दिनों तक इंतजार करना पड़ता है, फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पाती. सरकार ने पिछले 10 सालों से किसानों के प्रति गैरजिम्मेदाराना रवैया दिखाया है."

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भाजपा के शासन में पुलिस थानों के अंदर से खाद का वितरण किया गया. इन आरोपों पर हुड्डा ने कहा, "सरकार लगातार झूठे दावे कर रही है. सरकार का कहना है कि खाद की कोई कमी नहीं है और उनके पास पर्याप्त स्टॉक है. अगर सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में खाद है, तो किसानों को क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा रही है?

भूपेंद्र हुड्डा ने बताई सरकार की लापरवाही: कांग्रेस नेता ने ये भी दावा किया कि किसानों को हर साल अक्टूबर-नवंबर में करीब 2.8 लाख टन डीएपी की जरूरत होती है, लेकिन इस बार उन्हें अब तक सिर्फ 1.20 लाख टन ही मिल पाया है. उन्होंने आरोप लगाया, "नैनो डीएपी की बिक्री बढ़ाने के लिए पारंपरिक डीएपी की कमी पैदा की जा रही है. सरकार की इस लापरवाही के कारण किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है और उन्हें सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है."

'हनीमून पीरियड से बाहर आए बीजेपी': हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में लगातार दो बार सत्ता में रहने के बाद भाजपा के पास अपनी जिम्मेदारी से बचने का कोई बहाना नहीं है. नई भाजपा सरकार को अपने हनीमून पीरियड से बाहर आकर किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए. उसे अपने चुनावी वादों के लिए जवाब देना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि भाजपा को ये बताना चाहिए कि वो किसानों को धान के लिए 3,100 रुपये प्रति क्विंटल क्यों नहीं दे पाई, जैसा कि चुनाव के दौरान वादा किया गया था.

भूपेंद्र हुड्डा के सरकार से सवाल: भूपेंद्र हुड्डा ने पूछा किसानों को अपनी फसल एमएसपी से कम दर पर क्यों बेचनी पड़ी? इतने सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा खाद वितरण की प्रक्रिया को सुचारू क्यों नहीं कर पाई? "क्यों किसानों को हर बार जरूरत के समय खाद के लिए तरसना पड़ता है? सरकार की नीतियों के कारण किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा?"

सीएम नायब सैनी ने क्या कहा? रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया कि राज्य में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों को घबराकर खरीदारी नहीं करनी चाहिए. सैनी की ये टिप्पणी कांग्रेस नेताओं द्वारा हरियाणा के कुछ जिलों में किसानों पर डीएपी (डायम्मोनियम फास्फेट) खाद की कमी से जूझने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद आई है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र ने नवंबर के लिए 1.10 लाख मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी खाद आवंटित की है.

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