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जेब्रा और जिराफ के इंतजार में वन विहार, बायसन और वुल्फ आंध्रप्रदेश से लाने की तैयारी

Van Vihar Bhopal:भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में आपको अमूमन सभी जानवर दिख जाएंगे. लेकिन जिराफ और जेब्रा नजर नहीं आते हैं.इन्हें लाने की पिछले कई सालों से कोशिश चल रही है.

bison and wolf from andhra prades
विशाखापट्टनम से लाएंगे बायसन, वुल्फ

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 10:03 AM IST

जिराफ, जेब्रा देने को तैयार नहीं कोई भी जू

भोपाल।वन बिहार में अमूमन आपको कई प्रकार के जानवर नजर आ जाते हैं,लेकिन जिराफ और जेब्रा नजर नहीं आएंगे.इन्हें लाने की पिछले कई साल से कोशिश चल रही है लेकिन सफलता नहीं मिली. वहीं दोनों जानवरों को विदेश से लाने में भारी भरकम खर्चा है. फिलहाल पार्क प्रबंधन आंध्रप्रदेश से बायसन और भेड़िये को लाने की तैयारी में जुटा है.

जिराफ, जेब्रा देने को तैयार नहीं कोई भी जू

वन विहार नेशनल पार्क को कोई भी राज्य अपने यहां के जिराफ और जेब्रा देने को तैयार नहीं हैं. इसके लिए एमपी कई राज्यों से पत्राचार भी कर चुका है हालांकि एनिमल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत विशाखापट्टनम को यहां से एक बाघ और एक तेंदुआ दिए जाने का प्रस्ताव है. तत्कालीन वन मंत्री विजय शाह ने जेब्रा और जिराफ लाने का एलान किया था.पूर्व वन मंत्री विजय शाह ने अपने अफ्रीका दौरे के दौरान ऐलान किया था कि देश के अन्य जू से वन विहार में जेब्रा और जिराफ़ लायेंगे.

विदेश से ही लाना पड़ेंगे जिराफ और जेब्रा

दरअसल जिन राज्यों में जेब्रा और जिराफ हैं, वे भी इन जानवरों को विदेश से ही लाए हैं. नियमों के मुताबिक यदि एमपी को भी जेब्रा और जिराफ़ चाहिए तो उसे विदेश से ही लाना पड़ेगा.यही वजह है कि कई राज्यों ने अपने यहां के जिराफ देने से मना कर दिया है. मप्र को सेंट्रल जू अथॉरिटी से भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी जिराफ और जेब्रा देने को तैयार नहीं है. वन विहार प्रबंधन ने पुणे, कोलकाता, मैसूर के चिड़ियाघरों को पिछले साल पत्र लिखा था लेकिन वहां से रिस्पॉन्स नहीं मिला. बताया जाता है प्रबंधन अब तक 11 चिड़ियाघरों से संपर्क कर चुका है, लेकिन अभी भी जेब्रा, जिराफ का इंतजार हो रहा है. मैसूर जू में 30 जिराफ हैं.

5 करोड़ की है जरुरत

एशिया के किसी जू और सफारी से जेब्रा और जिराफ लाने के लिए केंद्र सरकार से 3 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है. वन विहार की निदेशक पदमा प्रिया का कहना है कि यदि जिराफ और जेब्रा लाना है तो हमें पांच जेब्रा और जिराफ़ लाना पड़ेंगे.इन जानवरों को लाने में तीन करोड़ और बाड़ा बनाने सहित अन्य जरूरतों के लिए करीब पांच करोड़ की जरूरत होगी.

गोवा ने बायसन देने से किया इंकार

इससे पहले वन विहार प्रबंधन ने गोवा से बायसन मांगा था. इसके एवज में भालू भेजे जाने थे लेकिन गोवा ने यह कहते हुए बायसन नहीं दिए कि वन विहार के भालू उनके काम के नही हैं. वन विहार में 20 भालू हैं, जो उम्रदराज हो चुके हैं.

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विशाखापट्टनम से लाएंगे बायसन, वुल्फ

बायसन, वुल्फ सहित 10 अन्य वन्य प्राणियों को एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत वन विहार पार्क लाने के लिए अधिकारी अगले माह विशाखापट्टनम के वाइजैग जू जाएंगे. इसके बाद वहां की टीम यहां आएगी. दोनों राज्यों के अधिकारी एक-दूसरे के यहां के वन्य प्राणियों की सेहत देखेंगे, इसके बाद वन्य प्राणी लाने पर अपनी सहमति देंगे.

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