भोपाल।वन बिहार में अमूमन आपको कई प्रकार के जानवर नजर आ जाते हैं,लेकिन जिराफ और जेब्रा नजर नहीं आएंगे.इन्हें लाने की पिछले कई साल से कोशिश चल रही है लेकिन सफलता नहीं मिली. वहीं दोनों जानवरों को विदेश से लाने में भारी भरकम खर्चा है. फिलहाल पार्क प्रबंधन आंध्रप्रदेश से बायसन और भेड़िये को लाने की तैयारी में जुटा है.
जिराफ, जेब्रा देने को तैयार नहीं कोई भी जू
वन विहार नेशनल पार्क को कोई भी राज्य अपने यहां के जिराफ और जेब्रा देने को तैयार नहीं हैं. इसके लिए एमपी कई राज्यों से पत्राचार भी कर चुका है हालांकि एनिमल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत विशाखापट्टनम को यहां से एक बाघ और एक तेंदुआ दिए जाने का प्रस्ताव है. तत्कालीन वन मंत्री विजय शाह ने जेब्रा और जिराफ लाने का एलान किया था.पूर्व वन मंत्री विजय शाह ने अपने अफ्रीका दौरे के दौरान ऐलान किया था कि देश के अन्य जू से वन विहार में जेब्रा और जिराफ़ लायेंगे.
विदेश से ही लाना पड़ेंगे जिराफ और जेब्रा
दरअसल जिन राज्यों में जेब्रा और जिराफ हैं, वे भी इन जानवरों को विदेश से ही लाए हैं. नियमों के मुताबिक यदि एमपी को भी जेब्रा और जिराफ़ चाहिए तो उसे विदेश से ही लाना पड़ेगा.यही वजह है कि कई राज्यों ने अपने यहां के जिराफ देने से मना कर दिया है. मप्र को सेंट्रल जू अथॉरिटी से भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी जिराफ और जेब्रा देने को तैयार नहीं है. वन विहार प्रबंधन ने पुणे, कोलकाता, मैसूर के चिड़ियाघरों को पिछले साल पत्र लिखा था लेकिन वहां से रिस्पॉन्स नहीं मिला. बताया जाता है प्रबंधन अब तक 11 चिड़ियाघरों से संपर्क कर चुका है, लेकिन अभी भी जेब्रा, जिराफ का इंतजार हो रहा है. मैसूर जू में 30 जिराफ हैं.