भोपाल। शारदा द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी के भगवान कृष्ण को लेकर दिए गए विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ''कुछ लोग भीड़ को देखकर, जनमानस को देखकर अपने आप को श्रेष्ठ समझ लेते हैं. शास्त्रों का अध्ययन किया नहीं है तो उसका तात्पर्य कैसे जानेंगे.'' उन्होने कहा कि सनातन धर्म पर ऐसा आक्षेप करने वालों का हम विरोध करते हैं. BRAHMRISHI KUMAR SWAMI Controversial Statement
स्वामी को शंकराचार्य की नसीहत, पढ़कर बोलो
ईटीवी भारत से बातचीत में द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी की विवादित टिप्पणी का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि ''कुमार स्वामी ने श्रीमद भागवत का अध्ययन नहीं किया है. 16 हजार एक सौ आठ या आठ विवाह या सोलह हजार विवाह का जो प्रसग है, उसे उन्हें पढ़ना चाहिए, फिर बोलना चाहिए. बड़े लोगों को बड़ी बात बोलनी चाहिए. असल में ये लोग क्या हैं, बहुत बड़ी भीड़, बहुत बड़ा समाज, जनमानस को देखकर अपने आप को बहुत श्रेष्ठ समझ लेते हैं.
जो मुंह में आता है बोल देते हैं
श्रीकृष्ण को लेकर दिए गए विवादित बयान पर शंकराचार्य ने कहा कि ''इसका विरोध होना चाहिए. सारे आचार्य इसका विरोध करते हैं. धर्म पर प्रवचन करने वाले जो लोग हैं जिन्होंने आध्यात्मिक उत्थान की समाज की जिम्मेदारी ली है, उन्हें पहले शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए. समाज के उत्थान की कल्पना अच्छी बात है. लेकिन धर्म ग्रंथों को पढ़ा नहीं है, इसलिए अर्थ नहीं जानते. जो कहा जाता है वही उसका अर्थ नहीं होता. तात्पर्य कब पता होगा कि जब गुरु शिष्य परंपरा से अध्ययन करेंगे. जब शास्त्रों का तात्पर्य समझेंगे तक उसका निचोड़ समाज तक पहुंचा पाएंगे.
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