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RGPV घोटाले में ED को छापे में मिले अहम दस्तावेज, करीब 2 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज, जानिए- कहां-कहां खपाई रकम - Bhopal RGPV scam

भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है. इस मामले में ईडी ने छापा मारकर करीब 2 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज की है. इसके साथ ही कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं.

Bhopal RGPV scam
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय घोटाले में ईडी की कार्रवाई (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 3:24 PM IST

भोपाल।राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के फिक्स डिपॉजिट में हुए घोटाले में ED ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने X हैंडल पर जानकारी दी है "इस मामले में 1 करोड़ 90 लाख की संपत्ति फ्रीज की गई है. साथ ही फर्जीवाड़े से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं." बता दें कि आरजीपीवी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार और निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजूपत समेत 4 लोगों के खिलाफ करीब 20 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर करने का आरोप है.

घोटाले की रकम का निवेश प्रॉपर्टी में करने की जांच

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए घोटाले को लेकर ईडी ने हाल ही में पूर्व कुलपति सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और पूर्व वित्त नियंत्रक के ठिकानों में छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी को बड़ी संख्या में अवैध दस्तावेज और चल-अचल संपत्ति के रिकॉर्ड मिले हैं. जांच में पता चला कि आरोपियों ने आरजीपीवी की राशि का इस्तेमाल प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट में किया है. इस मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने मध्यप्रदेश और झारखंड में दो दिन तक जांच की.

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भोपाल के गांधीनग पुलिस थाने में मामला पहले से दर्ज

ईडी की टीम ने 2 सितंबर को प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत भोपाल, सोहागपुर, पिपरिया और झारखंड के रांची-बोकारो में आरजीपीवी के पूर्व कुलपति, पूर्व वित्त नियंत्रक और पूर्व रजिस्ट्रार के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी ने बड़ी संख्या में घोटाले से जुड़े दस्तावेज और चल-अचल संपत्ति के रिकार्ड जब्त किए हैं. इनकी जांच की जा रही है. बता दें कि इस मामले में भोपाल के गांधी नगर थाने में एफआईआर पहले से दर्ज है. प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला कि आरोपियों ने विवि के खातों से 20 करोड़ रुपए निकाल कर निजी खातों और ट्रस्ट में ट्रांसफर किए हैं. इसमें बैंक स्टाफ की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है.

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