भोपाल : काली कमाई से धनकुबेर बने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को ढूंढने के लिए एजेंसियां एक्टिव हैं. वहीं अब इस मामले में गृह मंत्रालय की एंट्री हो गई है. दरअसल आयकर विभाग के पत्राचार के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सौरभ के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है. वहीं लोकायुक्त पुलिस ने भी लुकआउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लोकायुक्त ने इसके लिए मध्यप्रदेश सीआईडी को पत्र भेजा है. सीआईडी यह पत्र इंटरपोल को भेजेगी.
कार से बरामद हुआ था 52 किलोग्राम सोना
दरअसल, यह कार्रवाई बीते 19 दिसंबर की रात भोपाल के मेंडोरा जंगल में मिली इनोवा क्रिस्टा कार से निकले 52 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपए के मामले में की गई है. वहीं लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद सौरभ शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा के घर और ऑफिस सहित अन्य ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान नगद व सोने-चांदी की कई ईंट बरामद हुईं हैं.
छापे में बरामद करोड़ों की नगदी (Etv Bharat) अनुकंपा पर नौकरी के लिए फर्जी शपथ पत्र?
डीजीपी जयदीप प्रसाद ने बताया था कि "सौरभ शर्मा को 2015 में राज्य परिवहन विभाग में एक कांस्टेबल के रूप में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिली थी. यह नियुक्ति सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा की मौत के बाद मिली थी. आरके शर्मा एक सरकारी डॉक्टर थे, जिनकी साल 2015 में मृत्यु हो गई थी." उधर अब एक शपथ-पत्र भी सामने आया है, जिससे पता चलता है कि सौरभ ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए झूठा शपथ बनाया था. इसमें लिखा गया था कि मेरे पिता के आश्रित सदस्यों में से कोई भी शासकीय एवं अर्धशासकीय सेवा में कार्यरत नहीं है. जबकि उस समय उनके बड़े भाई सचिन की नौकरी छत्तीसगढ़ में लग चुकी थी. वह छत्तीसगढ़ में डिप्टी डायरेक्टर फाइनेंस के पद पर पदस्थ थे. सोशल मीडिया पर वायरल इस शपथ पत्र को लोकायुक्त भी जांच में ले रही है.
छापे की कार्रवाई से पहले सौरभ चल रहा फरार
सौरभ शर्मा छापे की कार्रवाई से पहले से ही फरार है. जिसके बारे में कोई जानकारी न तो आयकर विभाग को है और न ही लोकायुक्त के पास है कि सौरभ शर्मा इस समय कहा है. हालांकि, लोगों का यह कहना है कि वह पत्नी के साथ जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी के लिए मुम्बई गया हुआ था. इसके बाद वह वहीं से दुबई निकल गया है. उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.