भोपाल: राजधानी में स्टूडेंट्स से धोखाधड़ी के मामले में फिटजी कोचिंग के अधिकारियों पर एफआईआर होने के बाद प्रबंधन ने भोपाल में संचालित कोचिंग सेंटर बंद कर दिया है. अब यहां ताला लगा हुआ है. हालांकि एक गार्ड जरूर तैनात किया गया है, लेकिन उसे भी एक महीने से वेतन नहीं मिला है. इधर सेंटर बंद होने की खबर लगते ही बड़ी संख्या में पैंरेंट्स भी जानकारी लेने एमपी नगर जोन टू में स्थित फिटजी के मुख्य कार्यालय पहुंच रहे हैं.
700 स्टूडेंट्स के 12 करोड़ रुपये डूबे
एमपी नगर स्थित फिटजी कोचिंग में पढ़ने वाले एक छात्र के पैंरेंट्स अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि "करीब एक महीने पहले एमपी नगर थाने में कोचिंग के अधिकारियों पर धोखाधड़ी की एफआईआर की गई थी. जिसके बाद जिला प्रशासन ने भी कोचिंग का गुमाश्ता रद्द कर दिया था." अग्रवाल ने बताया कि "भोपाल स्थित सेंटर में करीब 700 स्टूडेंट्स पढ़ रहे थे. प्रत्येक छात्र से कोचिंग प्रबंधन 2 से 3 लाख रुपये वसूलता था." यानि कि फिटजी ने भोपाल में 700 स्टूडेंट्स से करीब 12 से 14 करोड़ रुपये जमा करा चुका है. लेकिन बीच में ही कोचिंग सेंटर बंद कर दिया. वहीं, सेंटर ने पैंरेंट्स के पैसे भी लौटाने से मना कर दिया है.
इंदौर सेंटर के बाद भोपाल में दूसरा सेंटर बंद
बता दें कि पिछले साल फिटजी ने इंदौर में संचालित कोचिंग सेंटर बंद कर दिया था. एक पूर्व छात्र ने बताया कि वह फिटजी के इंदौर सेंटर में एडमिशन लिया था. लेकिन इंदौर का सेंटर बंद होने के बाद उसका ट्रांसफर भोपाल स्थित सेंटर में कर दिया गया. लेकिन जब छात्र ने भोपाल सेंटर की व्यवस्था देखी तो उसने कोचिंग ही छोड़ दी. छात्र ने बताया कि भोपाल स्थित कोचिंग सेंटर में बीते एक साल से टीचरों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा था. जिससे टीचर कोचिंग छोड़ रहे थे. पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा था. ऐसे में उसने कोचिंग छोड़ दी थी. लेकिन प्रबंधन ने उसके 50 हजार रुपये वापस नहीं किए.
कोचिंग के इन अधिकारियों पर एफआईआर
बता दें कि बीते दिसंबर 2024 में फिटजी कोचिंग के 25 से अधिक स्टूडेंट्स और उनके परिजनों ने हंगामा किया था. इनका आरोप था कि कोचिंग संचालकों ने उनकी फीस हड़प ली है. जो एडवांस पैसा दिया गया था, कोचिंग नहीं जाने पर फीस वापस नहीं की जा रही है. जिसके बाद एमपी नगर थाने में फिटजी के मुख्य परिचालन अधिकारी मनीष आनंद, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर राजीव बब्बर और भोपाल ब्रांच के पूर्व सेंटर हेड सुमित श्रीवास्तव समेत एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इस मामले में डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल ने बताया कि "कोचिंग के दिल्ली स्थित मैनेजमेंट से दस्तावेज मांगे गए हैं. जांच में जो भी तथ्य आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी."