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29 हजार पेड़ों पर समाजसेवी और पर्यावरणविद बांधेगे रक्षासूत्र, सरकार के इस निर्णय से हैरान हैं रहवासी - Bhopal Campaign to Save Trees - BHOPAL CAMPAIGN TO SAVE TREES

मध्य प्रदेश सरकार मंत्री और विधायकों के लिए नई बहुमंजिला इमारतें बनाना चाहती है. इसके लिए सरकार 29 हजार पुराने पेड़ों की बलि लेना चाहती है. स्थानीय लोगों समेत पर्यावरणविद इन पेड़ों को बचाने के लिए प्रदर्शन करेंगे.

SAVE 29 THOUSAND TREES
29 हजार पेड़ों को बचाने की मुहिम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 3:30 PM IST

भोपाल।भोपाल के तुलसी नगर और शिवाजी नगर में सरकार मंत्री और विधायकों के लिए आवास बनाना चाह रही है, अभी वहां 29 हजार से अधिक पेड़ मौजूद हैं. यदि यह प्रोजेक्ट शुरु होता है, तो इन पेड़ों की बलि चढ़ जाएगी. ऐसे में प्रोजेक्ट शुरु होने से पहले ही शहर के समाजसेवी, पर्यावरणविद और प्रबुद्ध नागरिक इन पेड़ों को बचाने के लिए लामबंद हो गए हैं.

पेड़ों को बचाने के लिए 14 जून को प्रदर्शन (ETV Bharat)

पेड़ों को बचाने बाधेंगे रक्षासूत्र, करेंगे पूजा

भोजपाल जनकल्याण एवं विकास परिषद के द्वारा पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरणविद और स्वयं सेवी संस्थाओं की बैठक आयोजित की गई. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि करीब 50 से 60 साल पुराने बड़े पेड़ों को कटने नहीं दिया जाएगा. ये भोपाल के लिए फेफड़े की तरह काम कर रहे हैं. ऐसे में इन पेड़ों को बचाने के लिए भोपाल के बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी नूतन कालेज के सामने 14 जून को शाम छह बजे एकत्रित होंगे. इसके बाद पेड़ों की पूजा कर रक्षासूत्र बांधा जाएगा.

पेड़ों को बचाने के लिए बैठक का आयोजन (ETV Bharat)

प्रधानमंत्री से भी की गई शिकायत

पर्यावरण प्रेमी उमाशंकर तिवारीने बताया कि "राजधानी में 29 हजार से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए उनके द्वारा एनजीटी के अध्यक्ष, मानव अधिकार आयोग, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर ई-मेल के माध्यम से भेजे चुके हैं. भोपाल के स्थानीय सांसद आलोक शर्मा से भी बात हुई है, उन्होंने भी पेड़ों को बचाने के लिए आश्वासन दिया है."

नेताओं के आवास बनाने काटे जाएंगे 29 हजार पेड़

भोपाल में मंत्री और विधायकों के लिए आवास बनाए जाने हैं. जो अभी हैं, वो पुराने हो चुके हैं. ऐसे में तुलसी नगर और शिवाजी नगर में बने मकानों को तोड़कर हाईराइज बिल्डिंग तैयार की जाएगी. इसके लिए यहां लगे पेड़ों को काटना पड़ेगा. हालांकि इसके पहले 2013 में अरेरा हिल्स पर मंत्री-विधायकों के लिए आवास बनने थे लेकिन वहां भी पेड़ काटे जाने थे, जिससे रहवासियों ने विरोध कर दिया और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इसके बाद एक बार फिर 2019 में इस प्रोजेक्ट को शुरु करने की योजना बनी लेकिन विरोध के बाद फिर इसे रोक दिया गया.

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मंत्री-विधायकों के लिए पर्याप्त बंगले, जरुरत नहीं

बता दें कि एमपी में 34 मंत्री हैं, इनके लिए 71 बंगले पहले से ही बने हुए हैं. इसी तरह 230 विधायक हैं, जिनके लिए 631 आवास हैं. ऐसे में मंत्री-विधायकों को अब और मकान बनाने की जरुरत नहीं है. इधर विशेषज्ञों का कहना है कि जहां पहले से ही इनके लिए मकान आरक्षित हैं वहीं पर बहुमंजिला इमारतें तैयार हो सकती है, फिर नए स्थान पर 29 हजार पेड़ काटकर आवास बनाने का कोई मतलब नहीं है.

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