रुड़की एआरटीओ कार्यालय में आ धमके किसान (वीडियो- ETV Bharat) रुड़की:हरिद्वार के रुड़की में एआरटीओ कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन तोमर से जुड़े किसान नेताओं का गुस्सा देखने को मिला. जहां एआरटीओ कार्यालय पहुंचे किसान नेताओं ने टीटीओ को पकड़ लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें अपने साथ ले जाने लगे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने टीटीओ को बमुश्किल उनके चंगुल से छुड़ाया. जिसके चलते जमकर हंगामा भी हुआ. वहीं, काफी देर बात मामला ठंडा हुआ.
रुड़की एआरटीओ कार्यालय में आ धमके किसान:बता दें कि चारधाम यात्रा के बाद अब एक बार फिर रुड़की का एआरटीओ कार्यालय विवादों में है. दरअसल, मंगलवार को किसानों के चालान काटने को लेकर भाकियू किसान तोमर के नेता एआरटीओ कार्यालय में आ धमके और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान किसानों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने टीटीओ को पकड़ लिया.
टीटीओ को अपने साथ ले जाने को आमादा दिखे किसान:इतना ही नहीं टीटीओ यानी परिवहन कर अधिकारी के साथ खींचतान करते हुए वो अपने साथ ले जाने लगे. वहीं, इसी बीच मामले की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और बमुश्किल टीटीओ को उनके कब्जे से छुड़ाया. वहीं, अगर पुलिस बीच में न आती तो मामला और भी आगे बढ़ सकता था.
किसान नेताओं ने अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप: वहीं, भाकियू तोमर कार्यकर्ताओं ने एआरटीओ के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए. भारतीय किसान यूनियन तोमर के प्रदेश अध्यक्ष सचिन मलकपुर का आरोप था कि एआरटीओ ऑफिस में अधिकारी को फोन किया जाता है तो उनका फोन रिसीव नहीं होता है. कार्यालय में कोई भी कार्य बिना शुल्क नहीं हो पाता है.
एआरटीओ एल्विन रॉक्सी ने सभी आरोप बताए निराधार:इसके अलावा किसानों ने आरोप लगाया कि कार्यालय के कर्मचारी पूरी तरह से भ्रष्ट हैं और आमजन अगर सुविधा शुल्क न दे तो उनका काम नहीं करते. किसानों का ये भी आरोप था कि बिना एजेंट के कोई भी काम इस कार्यालय में नहीं हो पाता है. हालांकि, एआरटीओ एल्विन रॉक्सी ने सभी आरोप निराधार बताए हैं.
"भाकियू किसान तोमर ने एक ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. कोई भी चालान अवैध नहीं होता है. बिना किसी वजह किसी का चालान नहीं काटा जा सकता है. किसानों का धरना प्रदर्शन शांतिपूर्वक नहीं था. किसानों की ओर से उनके अधिकारी के साथ बदसलूकी की गई है. उनके जिस अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की की गई है, उनको बैठाकर वार्ता की जाएगी, उसके बाद जो कार्रवाई करनी होगी, वो की जाएगी."- एल्विन रॉक्सी, एआरटीओ, रुड़की
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