फिरोजाबाद : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के प्रचार की कमान संभाल लिया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को फिरोजाबाद पहुंचे अखिलेश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है. सरकार को किसानों की चिंता न होकर बड़े-बड़े पूंजीपतियों की चिंता है. सरकार ने पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया है और कई नए पूंजीपतियों को कर्ज दिया भी है. इसीलिए देश में हालात खराब है. गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी की सबसे बड़ी देन यही है कि सरकार उद्योगपतियों पर मेहरबान है. उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी राजनीतिक दल की तरह नहीं, बल्कि गिरोह की तरह वोट लूटने का काम करती है.
देश में लोकतंत्र नाम की चीज नहींःअखिलेश यादव ने कहा कि देश में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है, जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसके खिलाफ ईडी और सीबीआई लगा दी जाती है. पत्रकार अगर सही बात लिखने की कोशिश करते हैं तो उनको भी धमकी भरे फोन आते हैं और उनके खिलाफ भी मुकदमा दिखा दिया जाता है. प्रधानमंत्री ने बनारस में अमूल डेयरी के जिस प्लांट का लोकार्पण किया है, उसका एमओयू समाजवादी सरकार में ही साइन हुआ था. यह बात प्रधानमंत्री को बतानी चाहिए. सरकार ने कोई नया प्लांट स्थापित नहीं किया है. पराग डेयरी को हमने पैसा देकर आगे बढ़ाने का काम किया था ताकि किसानों को खासकर पशुपालकों को दूध का पूरा मूल्य मिल सके, लेकिन सरकार ने पराग डेयरी के प्लांट बंद करा दिया. फिरोजाबाद में जो नई मशीन आयीं थी वह भी धूल फांक रही हैं.
भाजपा राजनीतिक दल नहीं,वोट लूटने वालों का गिरोहःअखिलेश यादव ने मोदी सरकार की गारंटी वाले सवाल पर कहा कि गारंटी केवल घंटी है. मंहगाई और बेरोजगारी, नमक, डीजल की कीमतों की गारंटी क्यों नहीं है. जैसे ताली और थाली बजवाई थी वैसे ही यह गारंटी है. भाजपा ने हमारे I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक दलों को मंत्री बनाने लालच देकर तोड़ने का काम किया और यह मंत्री किसी को बना नहीं रहे हैं. इसलिए आगे आने वाले समय में समस्या तो बीजेपी के सामने आने वाली है. गंठबंधन में घटक दलों को कितनी सीटें किसे मिलेंगी.. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सवाल सीटों का नहीं है. सवाल इस बात का है कि बीजेपी के प्रत्याशी को कैसे हराया जाए. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दल की तरह नहीं बल्कि गिरोह की तरह वोट लूटने का काम करती है, जिसे चंडीगढ़ चुनाव में सभी ने देखा है और सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी भी की है. उन्होंने कहा कि यह वोट तो बेलट पेपर से पड़े थे, इसलिए बात पकड़ में आ गई, अन्यथा मशीन से वोट पड़ते तो पकड़ में नहीं आ सकते थे.