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भारत बंद का कहां असर, कहां बेअसर! उज्जैन में व्यापारी भिड़े तो सतना बंद, जानें शहरों का हाल - Bharat Band In Satna Ujjain Bhopal

एससी-एसटी रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर और सब कैटेगराइजेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद की शुरुआत हुई. हालांकि, एमपी की राजधानी भोपाल में भारत बंद बेअसर साबित हुआ. राजधानी भोपला समेत उज्जैन, इंदौर, जबलपुर में स्कूल भी खुले रहे. इस बीच एससी-एसटी संगठनों और उज्जैन के दुकानदारों के बीच बहस की खबरें सामने आई हैं.

Bharat Band In Satna Ujjain Bhopal
भारत बंद का असर मध्यप्रदेश में कैसा रहा, जानें यहां (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 12:16 PM IST

Updated : Aug 21, 2024, 6:31 PM IST

भोपाल : राजधानी भोपाल समेत इंदौर, जबलपुर में हालात सामन्य रहे तो वहीं उज्जैन के टावर चौक इलाके में प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों के बीच तीखी बहस हो गई. यहां एससी-एसटी संगठन के प्रदर्शनकारी जबरन दुकान बंद कराने लगे तो कुछ दुकानदारों ने दुकान बंद करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों में तीखी बहस हो गई. बता दें कि बसपा-जयस और सपा का इस बंद में समर्थन रहा.

ग्वालियर में स्कूल रहे बंद

भारत बंद में किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए ग्वालियर में कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. ग्वालियर कलेक्टर ने मंगलवार रात से ही धारा 144 लागू कर दी थी. ग्वालियर में बंद का मिला जुला असर देखने मिला. वहीं मुरैना में बंद का कोई खास असर दिखाई नहीं दिया. यहां प्रमुख चौराहों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जगह-जगह पुलिस तैनात रही और हर हलचल पर अपनी नजर बनाए रखी.

उज्जैन में जबरन दुकानें बंद कराने पर हुई बहस (ETV Bharat)

जबलपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन

भारत बंद को लेकर जबलपुर पुलिस व प्रशासन की आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी, इस बैठक में विरोध प्रदर्शन करने वाले सभी संगठनों को हिदायत दी गई कि वे किसी भी तरह की हंगामे और हिंसा की स्थिति पैदा नहीं करेंगे, जिसके बाद मालवीय चौक पर शांतिपूर्ण प्रर्दशन हुआ.

सिवनी-मालवा में भारत बंद का असर नहीं

सिवनी मालवा में भी भारत बंद का कोई खास असर देखने नहीं मिला. यहां भी आम दिनों की तरह बाजार और दुकानें खुली रहीं. व्यापारियों का कहना है कि बंद के पहले व्यापारी संगठनों को सूचना दी जाती है. यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, इसलिए बाजार खुले हैं.

कहीं असर, कहीं बेअसर

राजधानी भोपाल समेत नर्मदापुरम, जबलपुर, सीहोर, विदिशा, इंदौर, सिवनी-मालवा, उज्जैन, गुना और शाजापुर समेत अन्य जिलों में भारत बंद का असर नहीं दिखा. यहां सभी दुकानें और प्रतिष्ठान खुले थे. लेकिन अशोक नगर, छतरपुर, सतना, मंडला, मुरैना, पांढुर्ना समेत एक दर्जन जिलों में भारत बंद के दौरान कई दुकानें व अन्य कार्यालय बंद रहे.

पुलिस और दलित नेताओं के बीच विवाद

भारत बंद के दौरान छतरपुर में एसी-एसटी संगठनों के लोग एक दुकान को जबरदस्ती बंद कराने लगे. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और आंदोलकारियों को रोकने की कोशिश की. ऐसे में पुलिस और दलित नेताओं के बीच झूमाझटकी शुरु हो गई. वहीं सतना में एससी-एसटी संगठन के लोगों ने सड़कों पर उतरकर दुकानें और बाजार बंद कराया. सतना में ही आंदोलनकारी एक शराब दुकान के बाहर उसे बंद करने के लिए नारे लगाने लगे. जिसके बाद उसे बंद कर दिया गया. मैहर में भी जबरन दुकानें बंद कराने गए प्रदशनकारी हंगामा करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाया.

भारी पुलिस बल रहा तैनात

एक ओर जहां एससी-एसटी संगठन कुछ जिलों में जोरदार प्रदर्शन करते दिखे, तो वहीं किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस जवान भी गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य बाजारों तक तैनात रहे. ग्वालियर में कुछ स्थानों को छोड़ दें तो सभी बाजार खुले रहे. हालांकि, यहां विवाद से बचने के लिए 3 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. वहीं 50 मोबाइल टीम भी गश्त करती रहीं. इधर अशोक नगर में करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों में भी पुलिस बल अलर्ट मोड पर था. इस दौरान स्कूल-कालेज समेत अन्य प्रतिष्ठान खुले रहे.

क्यों विरोध में उतरे एससी एसटी संगठन?

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 6-1 की बहुमत से एक बड़ा फैसला दिया था. इसमें एससी-एसटी समुदाय में उप कोटा लागू करने को सही ठहराया गया था. इसके साथ ही पीठ ने एससी-एसटी आरक्षण में ओबीसी आरक्षण की तरह क्रीमीलेयर का फॉर्मूला लागू करने का सुझाव दिया था, जिसका एसी-एसटी संगठन विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं.

समाजवादी, जयस और कांग्रेस ने किया समर्थन

पिछले दिनों एससी-एसटी के आरक्षण में वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को एससी-एसटी वर्ग के उत्थान में बाधक बताते हुए सामाजिक संगठनों ने 21 अगस्त 2024 को भारत बंद बुलाया था. इसको लेकर एमपी में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने भी वीडियो जारी कर बंद को समर्थन देने का ऐलान किया. धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा और भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया इस बंद के समर्थन में हैं.

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डिंडोरी में बंद का मिला जुला असर

डिंडोरी से खबरें सामने आई कि यहां कई इलाकों में भारत बंद को देखते हुए बाजार बंद किया गया है. वहीं कुछ इलाकों में दुकानें खुली रहीं और इसका मिला-जुला असर है. स्कूल कॉलेज आम दिनों की तरह खुले रहे.

भोपाल में भारत बंद बेअसर

भोपाल में भारत बंद का कोई असर नहीं है. यहां डीबी मॉल के पास बसपा व कुछ संगठनों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया और बाजार आम दिनों की तरह खुला रहा. कॉलेज और स्कूल भी आम दिनों की तरह चालू रहे और लोग रोज की तरह अपने ऑफिस पहुंचे. पुराने भोपाल के कुछ इलाकों में एहतियान पुलिस बल तैनात रहा.

भिंड में खुलीं दुकानें, पुलिस की रही पैनी नजर

भिंड में भी हालात सामान्य रहे. कुछेक जगहों पर प्रदर्शन हुए, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी. वहीं सड़कों पर आम दिनों की तरह आवाजाही रही. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती रही.

इंदौर में सबकुछ सामान्य रहा

इंदौर में भारत बंद का कोई असर नहीं रहा. यहां आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज, ऑफिस खुले रहे और लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहे.

Last Updated : Aug 21, 2024, 6:31 PM IST

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