भोपाल : राजधानी भोपाल समेत इंदौर, जबलपुर में हालात सामन्य रहे तो वहीं उज्जैन के टावर चौक इलाके में प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों के बीच तीखी बहस हो गई. यहां एससी-एसटी संगठन के प्रदर्शनकारी जबरन दुकान बंद कराने लगे तो कुछ दुकानदारों ने दुकान बंद करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों में तीखी बहस हो गई. बता दें कि बसपा-जयस और सपा का इस बंद में समर्थन रहा.
ग्वालियर में स्कूल रहे बंद
भारत बंद में किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए ग्वालियर में कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. ग्वालियर कलेक्टर ने मंगलवार रात से ही धारा 144 लागू कर दी थी. ग्वालियर में बंद का मिला जुला असर देखने मिला. वहीं मुरैना में बंद का कोई खास असर दिखाई नहीं दिया. यहां प्रमुख चौराहों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जगह-जगह पुलिस तैनात रही और हर हलचल पर अपनी नजर बनाए रखी.
जबलपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन
भारत बंद को लेकर जबलपुर पुलिस व प्रशासन की आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी, इस बैठक में विरोध प्रदर्शन करने वाले सभी संगठनों को हिदायत दी गई कि वे किसी भी तरह की हंगामे और हिंसा की स्थिति पैदा नहीं करेंगे, जिसके बाद मालवीय चौक पर शांतिपूर्ण प्रर्दशन हुआ.
सिवनी-मालवा में भारत बंद का असर नहीं
सिवनी मालवा में भी भारत बंद का कोई खास असर देखने नहीं मिला. यहां भी आम दिनों की तरह बाजार और दुकानें खुली रहीं. व्यापारियों का कहना है कि बंद के पहले व्यापारी संगठनों को सूचना दी जाती है. यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, इसलिए बाजार खुले हैं.
कहीं असर, कहीं बेअसर
राजधानी भोपाल समेत नर्मदापुरम, जबलपुर, सीहोर, विदिशा, इंदौर, सिवनी-मालवा, उज्जैन, गुना और शाजापुर समेत अन्य जिलों में भारत बंद का असर नहीं दिखा. यहां सभी दुकानें और प्रतिष्ठान खुले थे. लेकिन अशोक नगर, छतरपुर, सतना, मंडला, मुरैना, पांढुर्ना समेत एक दर्जन जिलों में भारत बंद के दौरान कई दुकानें व अन्य कार्यालय बंद रहे.
पुलिस और दलित नेताओं के बीच विवाद
भारत बंद के दौरान छतरपुर में एसी-एसटी संगठनों के लोग एक दुकान को जबरदस्ती बंद कराने लगे. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और आंदोलकारियों को रोकने की कोशिश की. ऐसे में पुलिस और दलित नेताओं के बीच झूमाझटकी शुरु हो गई. वहीं सतना में एससी-एसटी संगठन के लोगों ने सड़कों पर उतरकर दुकानें और बाजार बंद कराया. सतना में ही आंदोलनकारी एक शराब दुकान के बाहर उसे बंद करने के लिए नारे लगाने लगे. जिसके बाद उसे बंद कर दिया गया. मैहर में भी जबरन दुकानें बंद कराने गए प्रदशनकारी हंगामा करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाया.
भारी पुलिस बल रहा तैनात
एक ओर जहां एससी-एसटी संगठन कुछ जिलों में जोरदार प्रदर्शन करते दिखे, तो वहीं किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस जवान भी गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य बाजारों तक तैनात रहे. ग्वालियर में कुछ स्थानों को छोड़ दें तो सभी बाजार खुले रहे. हालांकि, यहां विवाद से बचने के लिए 3 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. वहीं 50 मोबाइल टीम भी गश्त करती रहीं. इधर अशोक नगर में करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों में भी पुलिस बल अलर्ट मोड पर था. इस दौरान स्कूल-कालेज समेत अन्य प्रतिष्ठान खुले रहे.