मसौढ़ी: पटना के मसौढ़ी प्रखंड के देवरिया पंचायत के लोग पिछले कई दिनों से रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगा रहे थे. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. डीएम के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी की टीम गांव पहुंची और मतदाताओं से बातचीत करते हुए उन्हें जल्द ही सड़क निर्माण होने का आश्वासन दिया.
गांव के बाहर लगाया नो एंट्री का बैनर: दरअसल, पिछले कई दिनों से गांव के लोगों ने बाहर नो एंट्री का बैनर लगा कर रखा था. गांव में हर कोई 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहा था. ऐसे में ईटीवी भारत पर चली खबर के बाद जिला प्रशासन हरकत में आई है.
डीएम के निर्देश पर टीम गठित: जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेश कुमार सिंह और अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने टीम गठित करते हुए खैनिया गांव में पहुंची और सभी मतदाताओं से मिलकर उन्हें आश्वासन दिया कि जो सड़क नहीं बनी है उसको लेकर जल्द ही पहल की जाएगी और सड़क जरूर बनेगी. इस आश्वासन के बाद सभी मतदाता वोट देने के लिए मान गए हैं.
मसौढ़ी में रंग लाया ग्रामीणों का प्रदर्शन "मुख्य सड़क से गांव में जाने के लिए 200 गज कच्ची सड़क है, जो अभी तक किसी कारण से पक्की नहीं हो पाई है. ऐसे में हमने आश्वासन दिया है कि ग्रामीण कार्य विभाग के जरिए उसे सड़क को देखा जाएगा और सभी मतदाताओं से अपील की है कि वोट का बहिष्कार ना करें. वोट के महत्व को समझें." - प्रभात रंजन, अंचलाधिकारी
"भगवानगंज थाना क्षेत्र के खैनिया गांव में सभी मतदाता रोड नहीं तो वोट नहीं के साथ मतदान का बहिष्कार कर रहे थे, जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर टीम गठित की गई. हम लोगों ने गांव जाकर सभी मतदाताओं से मिलकर उन्हें आश्वासन देते हुए अपील किया है कि वोट अवश्य डालें और वोट के महत्व को समझें."-अमरेश कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, मसौढ़ी
कच्ची सड़क से परेशान थे ग्रामीण: बता दें कि पटना से सटे मसौढ़ी प्रखंड के देवरिया पंचायत के खैनिया गांव में आजादी के बाद अब तक सड़क नहीं बनी है. नतीजन आज भी लोग कच्ची सड़क से ही अपने गांव में जाते हैं. बरसात आने पर तो कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पूरी कच्ची सड़क पानी से भर जाती है और आने-जाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
500 से अधिक ग्रामीण प्रभावित: इस गांव में तकरीबन 500 से अधिक मतदाता रहते हैं. ऐसे में लगातार गांव में सड़क बनाने के लिए लोग स्थानीय विधायक, नेता और मंत्री से गुहार लगाकर थक गए थे. आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सभी ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि जो कोई भी नेता वोट मांगने गांव में आएगा उनका बहिष्कार कर दिया जाएगा. 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के बुलंद नारे भी गांव में लगाए गए थे. जिसके बाद प्रसाशन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही रोड बनाने का आश्वासन दिया हैं.
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