नई दिल्ली:नई दिल्ली सीट से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने शिरोमणि अकाली दल प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार सुबह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की है. साथ ही कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी चुप्पी तोड़ें और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलने की घटना पर देश भर के पंजाबियों को जवाबदेह है. बांसुरी स्वराज ने कहा कि भगवंत मान से मेरा सीधा सवाल है कि अगर आप पंजाब में एक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्ण मंदिर परिसर में सुरक्षित नहीं है तो पंजाब के लोगों की सुरक्षा कैसे होगी. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अगर यह सुनिश्चित नहीं कर सकती कि स्वर्ण मंदिर के परिसर में ऐसी घटना ना हो तो फिर उनसे आम जानता क्या उम्मीद करे.
बांसुरी स्वराज ने कहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार आने के बाद महिलाओं से जुड़े अपराधों में 10% से अधिक की वृद्धि हुई है और महिलाओं पर हुए मामलों में सजा निर्णय दर 20% से भी कम है. बांसुरी स्वराज ने कहा कि आम आदमी पार्टी का अगर ट्रैक रिकॉर्ड पंजाब में देखा जाए तो उसने सुरक्षा के नाम पर अभी तक कुछ खास किया नहीं है. इसलिए पंजाब हाईकोर्ट को बार-बार पंजाब सरकार को, वहां की पुलिस को, वहां की इन्वेस्टिंग एजेंसियों को लताड़ लगानी पड़ रही है.
ड्रग के कारोबार पर केजरीवाल और भगवंत मान तोड़ें चुप्पी :बांसुरी स्वराज ने कहा कि पंजाब पुलिस के कस्टडी में से कुछ समय पूर्व हथियार गायब हो गये थे, जिसपर अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान चुप्पी साधे हुए थे. उसके बाद हाईकोर्ट ने इस पर लताड़ लगाई. इतना ही नहीं 18 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट को एक तीखी टिप्पणी करते हुए कहना पड़ा कि पंजाब पुलिस और वहां के क्रिमिनल के बीच में गठजोड़ हैं. वहीं बांसुरी स्वराज ने कहा कि ड्रग का कारोबार पूरे पंजाब में फैल रहा है तो उस पर केजरीवाल और भगवंत मान चुप क्यों हैं.
नरेश यादव पर भी केजरीवाल ने नहीं दिया जवाब :बांसुरी स्वराज ने कहा किदिल्ली के विधायक नरेश यादव पर भी केजरीवाल की चुप्पी कई सवाल खड़ी करती है. उन्होंने कहा कि अजीब विडंबना है कि कुरान शरीफ की बेअदबी जैसी बड़ी घटना पर अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट तक नहीं किया. दिल्ली हो या पंजाब अरविंद केजरीवाल सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए कुछ भी करते हैं. क्या सुरक्षा का मुद्दा केजरीवाल के लिए सिर्फ एक चुनावी जुमला है ? क्या पंजाब के सारे रिसोर्स आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के प्रचार- प्रसार में लुटाने के लिए हैं ?
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