शहडोल(अखिलेश शुक्ला): आपने राजा-महाराजाओं की बहुत सारी कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी. आपने ध्यान दिया होगा कि कैसे एक राजा दूसरे राजा के साम्राज्य पर अपनी नजर गड़ाए बैठे रहते थे. वे किसी भी तरह से अपने साम्राज्य को बनाए रखने के लिए भीषण युद्ध करते थे. ठीक उसी तरह वनराज भी अपने साम्राज्य यानी जंगल की टेरेटरी के लिए आपस में युद्ध करते हैं. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों के बीच भी कुछ ऐसा ही द्वंद चल रहा है. एक बाघ दूसरे बाघ के साम्राज्य में कब्जा जमाने में जुटा हुआ है. इस लड़ाई में अभी तक एक शावक की जान भी जा चुकी है और आगे वर्चस्व की भीषण लड़ाई हो सकती है.
किसके साम्राज्य पर कौन जमा रहा कब्जा?
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पहचान यहां रहने वाले बाघों से है. इन दिनों इस टाइगर रिजर्व में इन्हीं बाघों के बीच एक दूसरे के साम्राज्य को हड़पने का खेल भी चल रहा है. छोटा भीम जो कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बहुत ही फेमस बाघ है, वो इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नहीं है. इसका फायदा उठाते हुए एक दूसरे नर बाघ की एंट्री हुई है और वो उस इलाके में अपना कब्जा जमाने में लगा हुआ है. पिछले कई दिनों से वह छोटा भीम के साम्राज्य में नजर भी आ रहा है.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं, " छोटा भीम के जाने के बाद उसके एरिया में एक दूसरा मेल बाघ देखा गया है. वो कैमरा ट्रैप में नजर आया है. छोटा भीम के जाने के बाद से ही वो वहां दिख रहा है."
आपसी संघर्ष में एक शावक की जा चुकी है जान
हाल ही में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक मादा शावक की मौत हो गई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने इस मौत का कारण बाघों का आपसी संघर्ष बताया था. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी बताते हैं, " जिस मादा शावक की मौत हुई वो छोटा भीम की संतान थी. किसी भी बाघ की टेरिटरी में जब नया नर बाघ आता है, तो वो उसे अपनी टेरिटरी बनाने की जुगत में लग जाता है. इसी वजह से उनमें आपसी संघर्ष भी होता है."