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बनारस बन रहा डेस्टिनेशन वेडिंग का हब, गुजराती कारोबारी ने की अपने बेटे की शादी - DESTINATION WEDDING

वैदिक डेस्टिनेशन वेडिंग का काशी में बढ़ रहा है क्रेज, पर्यटन में नये कारोबार की हुई एंट्री.

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बनारस में गुजराती कारोबारी की शादी (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

वाराणसी:हजारों दीयों की जगमगाहट, आकर्षक लाइट्स, साउंड शो, गंगा आरती, कन्याओं के साथ साथ त्रिशूल और स्वास्तिक से सजा हुआ बनारस का दरभंगा घाट काफी आकर्षक लग रहा है. यह देव दीपावली, फिल्म की शूटिंग या किसी अन्य त्यौहार की सजावट नहीं है. न ही कोई वीआईपी बनारस के इस घाट पर आया है. दरअसल, बनारस के रंग में रंगी हुई ये खुबसूरत सजावट डेस्टिनेशन वेडिंग की है. वह भी किसी विदेशी जोड़ी की नहीं, बल्कि भारतीय जोड़े की है.

जी हां! गुजरात के रहने वाले कारोबारी जयदीप मेहता ने अपने बेटे की शादी के लिए डेस्टिनेशन वेडिंग का प्लान बनाया और स्थान चुना काशी. इस वेडिंग में उन्होंने पूरी वैदिक परंपराओं को शामिल किया. नाव से बारात आई. दूल्हा -दुल्हन की एंट्री भी नाव से घाट की सीढ़ियों पर हुई. यही नहीं, जयमाला भी घाट पर मौजूद पुरानी हवेलियों के बैकग्राउंड में मां गंगा के सामने हुआ. इसके बाद बाराती से लेकर दूल्हा दुल्हन तक सभी ने गंगा आरती की. हर हर महादेव का घोष किया और विवाह के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया.


बनारस बन रहा डेस्टिनेशन वेडिंग का हब :जयपुर, आगरा के बाद वाराणसी में धार्मिक पर्यटन के साथ साथ अब वैदिक डेस्टिनेशन वेडिंग का क्रेज भी बढ़ रहा है. पहले जहां अक्सर विदेशी जोड़ों की शादिया काशी के धरती पर होती थीं, वहीं अब देश के बड़े बड़े व्यापारी भी काशी में डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहे हैं. गुजरात से आई मेहता फैमिली महज एक उदाहरण है. ऐसी इस लग्न में अब तक लगभग दो दर्जन शादियां बनारस में हुई हैं, जो डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में की गई है. खास बात ये है, कि इन वेडिंग में सिर्फ जगह ही काशी को नहीं बनाया गया है,बल्कि पूरे समारोह में यहां के अध्यात्म और संस्कृति की झलक दिखती है.

वैदिक डेस्टिनेशन वेडिंग का काशी में क्रेज, आयोजक जगदीप मेहता ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)
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शादी में दिखती है बनारस की वैदिक परंपरा की झलक:इस बारे में गुजरात से अपने बेटे धवन की शादी करने बनारस पहुंचे कारोबारी जगदीप मेहता बताते हैं कि हमारा बेटा शिव भक्त है. शुरू से उसकी इच्छा बनारस में शादी करने की थी. इसके लिए उसने बनारस के दरभंगा घाट को चुना, जहां पर ब्रिज रामा पैलेस है. हम लोगों ने इस मैरिज इवेंट को प्लान किया, जिसमें शादी के सजावट से लेकर खाने तक की पूरी थीम बनारस के अंदाज में रखी गई.

उन्होंने बताया कि घाट पर दीपक, त्रिशूल, स्वास्तिक, ओम के अलग-अलग चित्र लगाकर पूरे घाट को सजाया गया. इसके बाद घाट के उस पार आतिशबाजी हुई. हम लोगों ने गंगा आरती की. बटुकों व वैदिक ब्राह्मण के मंत्रोच्चार के बीच वरमाला व विवाह का अलग-अलग कार्यक्रम संपन्न हुआ. लोग भले ही यहां वहां या देश के बाहर जाकर के शादियां करते हैं, लेकिन काशी अब एक परफेक्ट डेस्टिनेशन वेडिंग का वह स्थान बन चुका है. जहां हमारे सनातन धर्म की सारी खूबसूरती दिखती है.


काशी में चरितार्थ हो रहा वेडिंग इन इंडिया का नारा:आगे वह बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेडिंग इंडिया की बात करते हैं और उनके संसदीय क्षेत्र में इस तरीके की वेडिंग का होना उनकी बात को भी पूरा करता हुआ दिखता है. उनका यह शहर इतना बदल चुका है, खूबसूरत बन चुका है कि यहां पर अब कोई भी आकर अपने समारोह को कर सकता है. बताते चलें कि काशी में हुई इस डेस्टिनेशन वेडिंग में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र ड्रोन शो बना. जिसमें थीम बनारस बेस रखा गया. इसमें त्रिशूल ,दीपों की सजावट और वाराणसी लिखा हुआ प्रदर्शित किया गया. ऐसा पहली बार हुआ जब वाराणसी में किसी शादी में ड्रोन शो किया गया.

बनारस के कारोबारियों को बड़ा फायदा : वाराणसी में पर्यटन कारोबार से जुड़े अभिषेक सिंह की मानें तो काशी में इस बार लग्न में बीस से पच्चीस डेस्टिनेशन वेडिंग हुईं. इसमें बड़े बड़े होटलों को बुक किया गया. उसमें काशी का पूरा वैदिक रीति रिवाज प्रदर्शित किया गया. काशी के पांडित्य परंपरा के साथ दूल्हा दुल्हन नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि यह तो महज एक डेस्टिनेशन वेडिंग की बात है. यदि ओवरऑल अलग-अलग समारोह की बात कर लें तो बनारस को लोग धर्म कर्म के साथ बिजनेस मीटिंग, बैचलर पार्टी, गेट टूगेदर वह अलग-अलग समारोह के लिए भी चुन रहे हैं. बड़े-बड़े होटल को बुक कर रहे हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा बनारस के पर्यटन कारोबार को मिल रहा है. इन इवेंट्स की वजह से बनारस को करोड़ों का मुनाफा भी हो रहा है.

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