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जंक फूड बना रहा रोगी, बनारस में चल रहा एनीमिया मुक्त अभियान, डेढ़ साल में 80 हजार किशोरियां स्वस्थ - Banaras Anemia Free Campaign

आजकल किशोरियों में भी जंक फूड का चलन बढ़ा है. इसकी वजह से ज्यादातर किशोरियां एनीमिया की चपेट में आने लगी हैं. सवा दो लाख किशोरियों की स्क्रीनिंग में काफी संख्या में लड़कियों में इस बीमारी के लक्षण पाए गए थे. अभियान के बाद इस स्थिति में काफी सुधार आया है.

रंग लाया  एनीमिया मुक्त अभियान.
रंग लाया एनीमिया मुक्त अभियान. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 6:59 AM IST

वाराणसी : छह से 19 वर्ष तक की किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 'काशी एनीमिया मुक्त अभियान' वरदान साबित हो रहा है. बीते डेढ़ सालों में 80 हजार से ज्यादा किशोरियों को एनीमिया से आजादी मिली है. अब तक लगभग सवा दो लाख किशोरियों की स्क्रीनिंग की गई है. इसमें लगभग 88 हजार किशोरियां एनीमिया से ग्रसित थीं. उनका उपचार चल रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जिले की किशोरियों को एनीमिया मुक्त करने के लिए 'काशी एनीमिया मुक्त अभियान' एक अनोखी पहल शुरू हुई. यह वाराणसी में सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य किशोरियों में खून की कमी के स्तर को ठीक करना, उनमें स्वस्थ व संतुलित आहार को बढ़ावा देना, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम समेत अन्य दवाओं का सेवन कराना एवं समाज में जागरूकता पैदा करना है.

जंक फूड भी है एनीमिया की वजह :सीएमओ ने कहा कि आजकल किशोरियों में जंक फूड का सेवन बहुत आम हो गया है. अधिकतर किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) और असमय माहवारी आने की समस्या देखने को मिल रही है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए किशोरियों को स्वस्थ व संतुलित आहार के साथ आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) समेत अन्य सूक्ष्म पोषकतत्वों का सेवन करना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि इस अभियान में कक्षा एक से 12 तक की किशोरियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. समस्या पाए जाने पर उनका उपचार किया जा रहा है. परामर्श भी दिया जा रहा है.

इन दवाओं का कराया जा रहा सेवन :अभियान के नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि एनीमिक पीड़ित किशोरियों को आयरन, फोलिक एसिड, बी कॉम्प्लेक्स, एल्बेण्डाजोल, कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं. वीकली आयरन फोलिक एसिड (विफ्स) कार्यक्रम के अंतर्गत छह से 19 वर्ष तक की किशोरियों को साप्ताहिक आयरन की गोली का सेवन कराया जा रहा है. विफ्स कार्यक्रम में प्रदेश के लक्ष्य के सापेक्ष वाराणसी की उपलब्धि काफी बेहतर है.

आयरन व विटामिन से भरपूर आहार :हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, दाल, आयरन-फोर्टिफाइड अनाज, सूखे मेवे, फलों और फलों के रस, हरी मटर, राजमा, मूंगफली, और समृद्ध अनाज उत्पाद, विटामिन बी 12 युक्त दूध से बने उत्पाद, फौर्टिफाइड अनाज, सोया उत्पाद, विटामिन सी युक्त खट्टे फल और जूस, मिर्च, ब्रोकली, टमाटर, खरबूजा, स्ट्रॉबेरी.

एक नजर आंकड़ों पर :डॉ. संजय राय ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में ब्लॉक व नगर के कुल 1444 स्कूलों को कवर किया गया, जिसमें लक्षित 1.91 लाख के सापेक्ष 1.64 लाख से अधिक किशोरियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जांच में 96,713 किशोरियां सामान्य पाई गई एवं 67,542 किशोरियों एनीमिक पाई गई. इसमें 58,752 किशोरियों का उपचार पूरा किया जा चुका है और सभी स्वस्थ हैं.8790 किशोरियां उपचार पर हैं. जबकि इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 520 स्कूलों को कवर किया गया, जिसमें 58,598 किशोरियों की स्क्रीनिंग की गई. जांच में 38,373 सामान्य पाई गई, जबकि 20,225 एनीमिक पाई गई और उनमें से करीब 10 हजार से अधिक किशोरियों को स्वस्थ किया जा चुका है.शेष उपचार पर हैं.

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