जयपुर. जलदाय विभाग में हड़ताल और सामूहिक अवकाश पर रोक लगा दी गई है. पेयजल को अति आवश्यक सेवाओं में मानते हुए विभाग ने यह निर्णय किया है. यदि कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल और सामूहिक अवकाश पर जाते हैं तो उनके खिलाफ रेस्मा (The Rajasthan Essential Services Maintenance Act, 1970) के तहत कार्रवाई होगी. जलदाय विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
विभाग का कहना है कि निर्धारित शुल्क पर जनता को समय पर और सुचारु रुप से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों का मूल कर्तव्य है. आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि अत्यावश्यक सेवाओं से सम्बन्धित अधिकारियों और कार्मिकों की ओर से हड़ताल किये जाने पर लोकहित में रेस्मा ( The Rajasthan Essential Services Maintenance Act, 1970) के तहत कार्यवाही की जाती है. यदि जलदाय विभाग में भी अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल या सामूहिक अवकाश पर जाते हैं तो उनके खिलाफ रेस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी. कर्मचारियों को अवकाश के लिए भी जरूरी होने पर सक्षम स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
हड़ताल और सामूहिक अवकाश के लिए उकसाने पर भी रेस्मा के तहत कार्रवाई होगी. जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग की सेवायें अत्यावश्यक श्रेणी की है. इसे ध्यान में रखते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बिना पूर्व सूचना के कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होने को अनाधिकृत अनुपस्थिति माना जायेगा और सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी.
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बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) बोर्ड के विरोध में कई बड़े आंदोलन देखने को मिले थे. पीएचईडी से जुड़े अलग-अलग संगठनों ने इसके विरोध में धरने प्रदर्शन भी किए थे. अधिकारियों कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन के लिए सामूहिक अवकाश भी लिया. इस दौरान पेयजल से जुड़ी कई समस्याओं का सामना जनता को करना पड़ा था. एक कर्मचारी संगठन से जुड़े कर्मचारियों ने तो प्रदर्शन के बाद सीएम हाउस की तरफ कूच भी कर दिया था. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें रास्ते में रोका था.