जयपुर: जिला न्यायालय, महानगर प्रथम ने जलेब चौक की खाली जमीन से पूर्व राजपरिवार से जुड़े महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट को बेदखल करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि ट्रस्ट को वादग्रस्त भूमि का उपयोग व उपभोग करने में बाधा उत्पन्न नहीं की जाए. अदालत ने यह आदेश महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि मामले में अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम 1 महानगर प्रथम के 6 अगस्त, 2022 के आदेश के अनुसार वादग्रस्त संपत्ति अपीलार्थी की होना बताया गया है. इसके अलावा अपीलार्थी को बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए इस संपत्ति से बेदखल नहीं करने और उपयोग व उपभोग में बाधा नहीं पहुंचाने के लिए पाबंद किया गया है. ऐसी स्थिति में यदि अपीलार्थी को बेदखल किया जाता है, तो उसका अपील करने का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा और मामले में अनावश्यक पेचीदगियां पैदा हो जाएंगी.
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अपील में अधिवक्ता रमेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश जारी करने से पूर्व अतिरिक्त जिला न्यायालय की ओर से पूर्व में दिए आदेश का विधि सम्मत अवलोकन नहीं किया गया है. अतिरिक्त जिला न्यायालय पूर्व में ही संपत्ति से बेदखल नहीं करने और उसके उपयोग व उपभोग में बाधा उत्पन्न नहीं करने के लिए पाबंद कर चुका है. ऐसे में निचली अदालत को जिला न्यायालय के आदेश के विपरीत जाकर निर्णय देने का अधिकार नहीं था. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए. वहीं नगर निगम की ओर अधिवक्ता पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने अदालत में पेश होकर जवाब देने के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने अपीलार्थी ट्रस्ट को बेदखल करने पर रोक लगा दी है.
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गौरतलब है कि ट्रस्ट ने वर्ष 1994 में निचली अदालत में दावा पेश कर कहा था कि उसने अपने स्वामित्व की जलेब चौक की खाली जमीन को लाइसेंस पद्धति पर आवेदकों को जगह दे रखी है. जहां आवेदक थड़ी और टीनशेड लगाकर रोजगार कर रहे हैं. नगर निगम के कर्मचारियों ने 29 जून, 1994 को इन थड़ियों और टीनशेड को हटाना शुरू कर दिया. इसकी जानकारी मिलने पर ट्रस्ट ने अपने चौकीदार नियुक्त कर दिए, ताकि निगम मौके पर कब्जा ना कर सके. दावे में गुहार की गई की निगम को पाबंद किया जाए कि वह मौके पर कब्जा ना करे और उसे बेदखल नहीं करे. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ट्रस्ट के दावे को खारिज कर दिया था.