बालाघाट। बचपन में आपने भी यह कविता सुनी होगी कि मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है. जी हां मछलियों का जीवन ही पानी होता है. मगर क्या आपने कभी यह भी सुना या देखा है कि पानी ही मछलियों के जीवन की बजाय उनकी मौत का कारण बन जाए. वह भी एक-दो मछलियों के लिए नहीं बल्कि हजारों की तादात में मछलियां एक साथ तालाब में मरी पड़ी है. ऐसा ही नजारा बालाघाट जिले के बैहर नगर परिषद में देखने को मिला है. मछलियों के मरने की वजह वाकई में चौकाने वाली है. जिसे जानकर आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे.
दीवार में लगाए गए हैं केमिकल युक्त पत्थर
दरअसल तालाब के किनारे बनी दीवार में लगे केमिकल युक्त पत्थरों को इनकी वजह माना जा रहा है, जिनके लगाए जाने के बाद पानी दूषित हो गया और हजारों की संख्या में मरी हुई मछलियां पानी में उतराती नजर आ रहीं हैं. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड मलाजखंड के केमिकल युक्त पत्थरों से इस तालाब के चारों तरफ दीवार बनाई गई है. जिसमें बारिश का पहला पानी गिरते ही यह केमिकल तालाब के पानी में जा मिला, जिससे हज़ारों की तादाद में मछलियां मर गईं. इन मछलियों के मरने के बाद तालाब का पूरा पानी जहरीला होता जा रहा है.
बीमारी का बढ़ रहा खतरा
आपको बता दें कि बैहर नगर परिषद के सीढ़िया तालाब में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है. नगर के बीचों-बीच रहवासी इलाके में तालाब होने के कारण आसपास के लोगों का यहां रहना दूभर हो गया है, चूंकि हजारों की संख्या में मरी हुई हैं इससे दुर्गंध फैल रही है. लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ गया है. जबकि इस मामले पर जिम्मेदार नगर परिषद बैहर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने चुप्पी साधी हुई है.