वाराणसी : पूर्वांचल की राजनीति में बाहुबली के नाम से पहचान रखने वाले बृजेश सिंह अब खुलकर भाजपा के समर्थन में राजनीतिक मंचों पर दिखाई देने लग गए हैं. वाराणसी के चिरईगांव ब्लाॅक में पीएम मोदी के समर्थन में शुक्रवार को हुई जनसभा में भाजपा जिला अध्यक्ष के सामने बृजेश सिंह ने भाजपा की टोपी और पटका पहना. बाहुबली से माननीय बने बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह वर्तमान में एमएलसी हैं और बीजेपी के ही प्रतिद्वंद्वी को 2022 में हराकर जीत दर्ज कर चुकी हैं. बृजेश खुद भी एमएलसी रह चुके हैं, लेकिन कभी भी बृजेश सिंह बीजेपी के साथ खुलकर नजर नहीं आए, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में बृजेश सिंह भारतीय जनता पार्टी की टोपी और पटका पहन कर खुलकर प्रधानमंत्री मोदी के लिए वोट मांगते दिखाई दे रहे हैं.
बाहुबली बृजेश सिंह वह नाम जो पूर्वांचल के माफिया में गिना जाता है. मुख्तार अंसारी के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बृजेश सिंह ने 80 के दशक में पूर्वांचल में बाहुबली के नाम से अपनी पहचान बनाई थी. 5 लाख का इनाम घोषित होने के बाद मकोका, गैंगस्टर, हत्या, अपहरण, हत्या के प्रयास और हत्या की साजिश जैसी कई गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों के बाद फरार चल रहा बृजेश सिंह वर्ष 2008 में उड़ीसा भुवनेश्वर से गिरफ्तार हुआ था. धीरे-धीरे सब मुकदमे खत्म होते गए और बृजेश सिंह के आगे एक भी गवाह नहीं टिक सका.
2008 में गिरफ्तारी के बाद 30 से ज्यादा संगीन मामलों में दर्ज मुकदमों की सुनवाई शुरू हुई और एक-एक करके गवाह पलटते गए. नतीजतन वर्ष 2022 में इलाहाबाद हाई कोर्ट से बृजेश सिंह को 13 साल जेल में गुजारने के बाद जमानत मिल गई. 25 साल से वाराणसी एमएलसी सीट पर बृजेश के परिवार का कब्जा था और यह कब्जा अभी तक कायम है. बृजेश के बड़े भाई उदयभान उर्फ चुलबुल सिंह 1998 से 2004 तक भाजपा के टिकट पर इसी सीट से एमएलसी रहे. उदयभान की मौत के बाद 2010 में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह वाराणसी से एमएलसी बनी. वर्ष 2016 में जेल में रहते हुए बृजेश सिंह वाराणसी एमएलसी सीट से निर्विरोध चुनाव जीत गया. दबदबा ऐसा कि किसी पार्टी ने अपना कैंडिडेट तक नहीं उतारा.