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बागेश्वर खड़िया खनन मामले में हाईकोर्ट सख्त, 160 पट्टा धारकों को नोटिस, 124 मशीनें सीज - BAGESHWAR KHADIYA KHANAN CASE

नैनीताल हाईकोर्ट में बागेश्वर खड़िया खनन मामले में हुई सुनवाई, खनन पर रोक जारी

BAGESHWAR ILLEGAL CHALK MINING
उत्तराखंड हाईकोर्ट (PHOTO- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2025, 8:40 PM IST

Updated : Jan 10, 2025, 9:22 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर पंजीकृत की गई जनहित याचिका की सुनवाई की और खनन पर रोक जारी रखी. कोर्ट ने 160 खनन पट्टे धारकों को नोटिस जारी करते हुए उनसे जबाब दाखिल करने को कहा है. याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.

124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनें सीज:इस क्षेत्र में अवैध खनन से ग्रामीणों को होने वाले नुकसान का मुआवजा सरकार द्वारा दिए जाने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुआवजा अवैध खनन कर्ताओं से वसूल किया जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर अवैध खनन में लगी 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनें सीज कर दी गई हैं.

फर्जी तरीके से बनी एनओसी- ग्रामीण:शुक्रवार को कोर्ट कमिश्नर ने क्षेत्र के ग्रामीणों के कुछ दस्तावेज और शिकायती पत्र भी कोर्ट में पेश किए, जिसमें ग्रामीणों ने दावा किया है कि उन्होंने खनन पट्टेधारकों को खड़िया खनन की एनओसी नहीं दी थी. फर्जी तरीके से उनकी एनओसी बना ली गई. इस मामले में हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिला और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ खनन और उद्योग विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है.

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Last Updated : Jan 10, 2025, 9:22 PM IST

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