उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नीलकंठ महादेव मंदिर-शम्सी जामा मस्जिद केस, अब 24 दिसंबर को होगी मामले की सुनवाई - SHAMSI JAMA MASJID CASE

मुस्लिम पक्ष के वकील बोले- हम नहीं करेंगे बहस. 10 दिसंबर की सुनवाई कर दी गई थी स्थगित.

अगली सुनवाई 24 को होनी है.
अगली सुनवाई 24 को होनी है. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

बदायूं :नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम शम्सी जामा मस्जिद मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई. सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में यह सुनवाई हुई. मामले में अब अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होनी है. वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब वह बहस नहीं करेंगे. पिछली सुनवाई 10 दिसंबर को होनी थी लेकिन एक अधिवक्ता के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने रखी अपनी बात. (Video Credit; ETV Bharat)

मुस्लिम पक्ष के वकील असरार अहमद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट अब ऐसे मामलों पर निर्णय नहीं देगा. इसलिए अब हम बहस नहीं करेंगे. हम पहले से यह कह रहे हैं कि यह मामला सुनने योग्य नहीं है. हिंदुस्तान में कई ऐसे मामले सामने आए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई हुई. अब सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी निर्णय देने से मना कर दिया है. किसी भी सर्वे से भी मना कर दिया है.

इस पूरे मामले में केंद्र सरकार को अपना जवाब देना है.उसके बाद कोर्ट निर्णय देगा. इस निर्णय के अनुसार अब हम आगे की रूपरेखा तय करेंगे. वहीं 2022 में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया था. अखिल भारत हिंदू महासभा के तत्कालीन संयोजक मुकेश पटेल की ओर से दावा किया गया था जिस जगह पर मस्जिद है, वहां पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था. जामा मस्जिद को लेकर याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह मंदिर को गिराकर बनाई गई थी.

शम्सी जामा मस्जिद सोथा मोहल्ला में है. यह बदायूं शहर की सबसे ऊंची इमारतों में से एक मानी जाती है. बदायूं का यह मामला संभल जिले में मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के दौरान सुर्खियों में आया था. मामला सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर बहस हो रही है. मुस्लिम पक्ष को सुनने के बाद हिंदू पक्ष को सुना जाएगा. सरकारी वकील ने अपनी बहस पूरी कर ली है.

यह भी पढ़ें :श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: केंद्र और राज्य सरकार को सीधे पक्षकार बनाने की मांग खारिज

ABOUT THE AUTHOR

...view details