मंगलागिरी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित मंगलागिरी एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में सेवा करने वाले युवा डॉक्टरों के महत्व पर जोर दिया. मुख्य अतिथि के रूप में, उन्होंने संस्थान के उद्घाटन बैच के 49 एमबीबीएस छात्रों को डिग्री प्रदान की.
विशेष उड़ान से गन्नावरम हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, राष्ट्रपति मुर्मू का राज्यपाल न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और अन्य गणमान्य लोगों ने स्वागत किया.
कार्यक्रम में बोलते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों को एक महान पेशे को चुनने के लिए सराहना की. उन्होंने कहा, 'डॉक्टर बनकर, आपने मानवता की सेवा करने की जिम्मेदारी को अपनाया है. राष्ट्रपति ने युवा छात्रों से कहा कि, 'आपके पास जीवन बचाने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का अमूल्य अवसर है. मैं आप जैसे युवा डॉक्टरों से ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में सेवा करने को प्राथमिकता देने और समावेशी स्वास्थ्य सेवा में योगदान देने का आग्रह करती हूं. इस स्तर पर आपकी ईमानदारी और समर्पण राष्ट्र के स्वास्थ्य विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.'
एम्स के विकास को मुख्यमंत्री का आश्वासन
वहीं, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंगलगिरी एम्स के विकास के लिए अटूट समर्थन का वादा किया. उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार एम्स में अत्याधुनिक सुविधाओं का विकास सुनिश्चित करेगी. उन्होंने इसके विस्तार के लिए अतिरिक्त 10 एकड़ भूमि आवंटित करने की घोषणा की.
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