गयाः बिहार के गया जिले के इमामगंज प्रखंड केप्राथमिक विद्यालय खड़ाऊ की स्थिति अच्छी नहीं है. यह विद्यालय कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. इस विद्यालय में आने वाले छात्र महीने के कई दिन भूखे और प्यासे तक रह जाते हैं. सरकारी विभागीय निर्देश है, कि विद्यालय टाइम से खुलेंगे और टाइम से बंद होंगे, लेकिन यह निर्देश भी विद्यालय की स्थिति के कारण फेल हो जाता है.
भूखे और प्यासे रह जाते हैं बच्चेःजिस दिन मध्यान्ह भोजन और पानी मयस्सर नहीं हुआ, उस दिन यहां बच्चों को दोपहर में ही छोड़ दिया जाता है. गया के प्राथमिक विद्यालय खड़ाऊ में कई समस्याएं व्याप्त है, जिससे छात्र-छात्राएं काफी परेशान रहते हैं. प्राथमिक विद्यालय खड़ाऊ में 200 के आस-पास बच्चे पढ़ते हैं. छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई को लेकर यहां काफी जागरूक हुए हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था से वो काफी परेशान हैं.
इस गांव में कोई चापाकाल नहींः विद्यालय में सबसे बड़ी समस्या पानी की है, जिसके कारण बच्चे भोजन और प्यास से तड़पते रहते हैं. महीने में कई ऐसे दिन आते हैं, जब ऐसी स्थिति बन जाती है. इस स्थिति के बीच जहां पढ़ाई बाधित होती है. वहीं, शिक्षकों को स्कूल जल्दी छोड़ देना पड़ता है. इस विद्यालय में 'बिन पानी सब सून' वाली स्थिति है. दरअसल प्राथमिक विद्यालय खड़ाऊ में और इस गांव में कोई चापाकाल नहीं है. पहले के चापाकल थे, अब बेकार हो चुके है.
तीन में से एक ही शिक्षक मिलेः इस विद्यालय में तीन शिक्षक पदस्थापित है, लेकिन जब ईटीवी भारत के संवाददाता वहां पहुंचे तो विद्यालय में एक ही शिक्षक मिले. विद्यालय के शिक्षक अनुराग कुमार ने बताया कि वह बीपीएससी से चयनित शिक्षक हैं. इस विद्यालय में कई प्रकार की समस्याएं हैं. यहां न तो चहारदिवारी है और न ही पानी की व्यवस्था. एक शौचालय के लिए भी कई बार लिखा गया है, आज तक उसकी व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.